कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने हाल ही में राहुल गांधी के उस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में "सरेंडर" करने का आरोप लगाया था। थरूर ने कहा कि भारत को हाल के संघर्ष के दौरान रुकने के लिए किसी के कहने की जरूरत नहीं थी, क्योंकि जैसे ही पाकिस्तान अपनी हरकतें बंद करेगा, भारत स्वतः रुक जाएगा।
वाशिंगटन में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थरूर ने एक अमेरिकी पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए कहा, "जब तक पाकिस्तान आतंकवाद की भाषा बोलता रहेगा, तब तक भारत बल की भाषा में जवाब देगा। इसके लिए हमें किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की जरूरत नहीं है।
राहुल गांधी ने मंगलवार को भोपाल में एक रैली को संबोधित करते हुए दावा किया था कि ट्रंप ने फोन करके पीएम मोदी को "नरेंद्र, सरेंडर" कहकर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत-पाकिस्तान संघर्ष में हस्तक्षेप किया था। उन्होंने कहा, "ट्रंप का फोन आया और नरेंद्र मोदी जी ने तुरंत सरेंडर कर दिया। इतिहास गवाह है, बीजेपी-आरएसएस का यही चरित्र है, वे हमेशा झुक जाते हैं।"
थरूर ने अपने बयान में भारत की एकजुटता पर जोर देते हुए कहा कि लोकतंत्र में आलोचना और मतभेद स्वाभाविक हैं, लेकिन विदेश में भारत का रुख एकसमान रहता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
थरूर ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि भारत शांति चाहता है, लेकिन अगर पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता रहेगा, तो भारत इसका करारा जवाब देगा। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी अगुवाई वाला प्रतिनिधिमंडल गुयाना, पनामा, कोलंबिया और ब्राजील जैसे देशों में भारत के आतंकवाद विरोधी रुख को स्पष्ट करने में सफल रहा है।
इस बीच, बीजेपी ने राहुल गांधी के बयान की कड़ी आलोचना की है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की घोषणा किसी सरकारी प्रवक्ता ने नहीं, बल्कि भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने की थी। उन्होंने राहुल पर सेना का अपमान करने का आरोप लगाया।
थरूर के बयान ने एक बार फिर भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को रेखांकित किया है, साथ ही यह भी दर्शाया है कि घरेलू राजनीति में मतभेदों के बावजूद, राष्ट्रीय हितों के लिए भारत एकजुट है।