असम में शुक्रवार को बाढ़ की स्थिति और खराब हो गई तथा राज्य की प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। असम में लगभग 22 लाख लोग बाढ़ के कारण प्रभावित हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने डिब्रूगढ़ शहर की स्थिति की समीक्षा की। यह जिला पिछले आठ दिनों से जलमग्न है और बिजली व्यवस्था भी ठप पड़ी है।
अधिकारियों ने बताया कि नालियों के जाम होने के कारण डिब्रूगढ़ में जलभराव हो गया है तथा ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे पानी की निकासी में दिक्कतें आ रही हैं। स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री शर्मा से बिजली आपूर्ति बहाल करने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने कहा कि बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है ताकि करंट लगने जैसी किसी भी अप्रिय दुर्घटना से बचा जा सके।
मुख्यमंत्री ने उपायुक्त को सार्वजनिक घोषणा करके बिजली आपूर्ति बहाल करने का निर्देश दिया ताकि लोग सतर्क रहें। असम में प्राकृतिक आपदा के कारण 29 जिलों में 22 लाख लोग प्रभावित हैं। राज्य में इस साल बाढ़, भूस्खलन और तूफान में मरने वालों की संख्या बढ़कर 56 हो गई है तथा तीन अन्य लोग लापता हैं।
असम में जारी बाढ़ के संकट के कारण धुबरी में सबसे ज़्यादा 6,48,806 लोग प्रभावित हैं, इसके बाद दरांग में लगभग 1,90,261 लोग और कछार में 1,45,926 लोग प्रभावित हैं। वर्तमान में, 39,338 प्रभावित लोगों ने 698 राहत शिविरों में शरण ली हुई हैं। वहीं, 7,24,322 लोगों को राहत-सामाग्री उपलब्ध कराई जा चुकी है।
ब्रह्मपुत्र, दिगारू और कोलोंग नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। वहीं, कामरूप (मेट्रो) जिले में अलर्ट जारी किया गया है।ब्रह्मपुत्र नदी निमाटीघाट, तेजपुर, गुवाहाटी, ग्वालपाड़ा और धुबरी में ख़तरे के निशान से ऊपर बह रही है।