तमिलनाडु में बहुजन समाज पार्टी (BSP) में बड़ी फूट पड़ गई है। पिछले साल जुलाई में मारे गए BSP के तमिलनाडु अध्यक्ष के. आर्मस्ट्रांग की पत्नी पोरकोडी ने 5 जुलाई 2025 को अपने पति की पहली पुण्यतिथि पर नई राजनीतिक पार्टी ‘तमिल मनीला बहुजन समाज’ (TMBSP) की शुरुआत की। यह कदम तब उठाया गया, जब अप्रैल 2025 में BSP की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने पोरकोडी को पार्टी के तमिलनाडु समन्वयक पद से हटा दिया था। पोरकोडी ने चेन्नई में आर्मस्ट्रांग की पुण्यतिथि पर आयोजित एक स्मृति रैली में इस नई पार्टी की घोषणा की, जिसमें 1,000 से अधिक समर्थकों ने हिस्सा लिया।
नई पार्टी की शुरुआत
पोरकोडी ने कहा, “आर्मस्ट्रांग का सपना था कि दलित और वंचित समुदायों की आवाज को तमिलनाडु में बुलंद किया जाए। मैं उसी सपने को पूरा करने के लिए ‘तमिल मनीला बहुजन समाज’ शुरू कर रही हूं।” उन्होंने इस पार्टी को दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के लिए एक मंच बताया, जो तमिलनाडु की क्षेत्रीय पहचान के साथ बहुजन आंदोलन को जोड़ेगा। यह पार्टी 2026 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेने की तैयारी कर रही है।
BSP से क्यों अलग हुईं पोरकोडी?
पोरकोडी को अप्रैल 2025 में BSP के तमिलनाडु समन्वयक पद से हटा दिया गया था। मायावती ने कहा था कि पोरकोडी को अपने परिवार और आर्मस्ट्रांग की हत्या की CBI जांच पर ध्यान देना चाहिए, न कि पार्टी के मामलों में। इस फैसले से पोरकोडी और उनके समर्थकों में नाराजगी थी, क्योंकि उन्हें लगता था कि BSP ने उनके पति की विरासत को दरकिनार किया। इसके बाद पोरकोडी ने नई पार्टी बनाने का फैसला किया, जिसे तमिलनाडु में पहली दलित महिला द्वारा स्थापित बहुजन पार्टी के रूप में देखा जा रहा है।
आर्मस्ट्रांग की पुण्यतिथि और स्मारक
आर्मस्ट्रांग की पुण्यतिथि पर चेन्नई के पॉथुर में एक स्मृति रैली आयोजित की गई, जहां पोरकोडी ने नई पार्टी की घोषणा की। इस दौरान आर्मस्ट्रांग के स्मारक पर उनकी पूर्ण आकार की प्रतिमा स्थापित करने की मांग उठी। पहले पुलिस ने कानून-व्यवस्था का हवाला देकर इसकी अनुमति नहीं दी थी, लेकिन पोरकोडी की याचिका के बाद मद्रास हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से तमिलनाडु सरकार ने अनुमति दे दी।
CBI जांच का मुद्दा
आर्मस्ट्रांग की हत्या की जांच के लिए उनके भाई ने मद्रास हाईकोर्ट में CBI जांच की मांग की थी। पोरकोडी ने भी इस मुद्दे को उठाया और कहा कि वह अपने पति को न्याय दिलाने के लिए लड़ती रहेंगी। उन्होंने आरोप लगाया कि BSP ने उनकी इस लड़ाई में साथ नहीं दिया, जिससे नई पार्टी बनाने का उनका संकल्प और मजबूत हुआ।
राजनीतिक महत्व
‘तमिल मनीला बहुजन समाज’ की स्थापना तमिलनाडु की राजनीति में नया रंग ला सकती है। यह पार्टी दलित और वंचित समुदायों को एकजुट करने का दावा करती है, जो BSP के पारंपरिक वोट बैंक को प्रभावित कर सकती है। सोशल मीडिया पर पोरकोडी को “तमिलनाडु की भावी मुख्यमंत्री” के रूप में प्रचारित किया जा रहा है, और उनकी पार्टी को दलित महिला नेतृत्व के लिए एक मिसाल माना जा रहा है। हालांकि, 2026 के विधानसभा चुनाव में इस पार्टी का प्रदर्शन इसकी असल ताकत का इम्तिहान होगा।