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छत्तीसगढ़: 400 नक्सली, मशीनगन से ताबड़तोड़ फायरिंग; इस तरह सुरक्षाबलों को बनाया निशाना

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में इस साल की सबसे बड़ी नक्सली घटना में कुल 24 जवान शहीद हुए हैं। ये घटना शनिवार को...
छत्तीसगढ़: 400 नक्सली, मशीनगन से ताबड़तोड़ फायरिंग; इस तरह सुरक्षाबलों को बनाया निशाना

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में इस साल की सबसे बड़ी नक्सली घटना में कुल 24 जवान शहीद हुए हैं। ये घटना शनिवार को टेकलगुड़ा गांव की है। रविवार को बीजापुर के जंगलों में 17 से 18 जवानों के शव बरामद किए गए। पिछले चार सालों में नक्सली द्वारा सुरक्षाबलों पर हुआ यह सबसे बड़ा हमला है। इस हमले में 400 नक्सलियों ने तीनों ओर से सीआरपीएफ के जवानों को घेर लिया था और कई घंटों तक उन पर मशीनगन और आईडी से हमला करते रहे।

सीआरपीएफ के महानिदेशक कुलदीप सिंह ने बताया है कि उनके जवानों पर अचानक तीनों ओर से घेर कर हमला किया गया। सिंह को गृहमंत्री अमित शाह ने हमले के बाद राज्य का दौरा करने के निर्देश दिए थे। इस घटनाक्रम के बारे में अन्य अधिकारियों ने कहा कि हो सकता है कि सेना नक्सलियों के रास्ते में आ गई हो।

उन्होंने रविवार को कहा कि 24 शहीद जवानों में सीआरपीएफ ने 7 कोबरा कमांडो सहित 8 लोगों को खोया है। वहीं, 1 जवान बस्तरिया बटालियन से, 8 डीआरजी से और 5 स्पेशल टास्क फोर्स से हैं। एक सीआरपीएफ इंस्पेक्टर अभी भी लापता हैं। बताया जा रहा है कि लगभग 10-12 नक्सली भीषण गोलाबारी में मारे गए थे। कुल 31 सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए।

अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबल के जवानों ने बड़े पेड़ों के सहारे ओट लेकर नक्सलियों की फायरिंग का मुकाबला किया और तब तक फायरिंग करते रहे, जब तक उनके पास एम्युनिशन खत्म नहीं हो गया। एक लोकेशन से सात जवानों के शव बरामद हुए हैं और यहां पेड़ों की तनाओं पर बुलेट के निशान हैं, जिससे साफ पता चलता है कि यहां जबरदस्त फायरिंग हुई है।

बस्तर क्षेत्र के अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि जानकारी के अनुसार हमले के दौरान लगभग 400 की संख्या में नक्सली टेकलगुड़ा गांव की पहाड़ी और उसके आसपास पहले से मौजूद थे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि नक्सलियों ने जब जवानों पर गोलीबारी शुरू की तब कुछ जवान बचाव के लिए सूने गांव की ओर बढ़े जहां नक्सली पहले से ही उनका इंतजार कर रहे थे। घटनास्थल से मिली जानकारी के अनुसार शहीद जवानों के शव खेत और गांव की सड़क के आसपास से बरामद किए गए हैं।

स्थानीय संवादाताओं ने बताया है कि शहीद जवानों के शवों में गोली लगने और कुछ जवानों के शवों में धारदार हथियार से हमला किए जाने के निशान हैं। अधिकारियों ने कहा कि एक खुफिया सूचना मिली थी कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर-सुकमा जिलों की सीमावर्ती इलाके तर्रेम में एक सबसे खूंखार नक्सली कमांडर मडवी हिड़मा मौजूद था।

इसके तुरंत बाद पांच अलग-अलग क्षेत्रों की सेनाएं - तारापुर (760), उसूर (200), बीजापुर जिले से पमेद (195), निम्पा (483) और सुखम से नरसिपुरम (420) - 2 और 3 अप्रैल की मध्यरात्रि को निकले। अधिकारियों ने कहा कि शनिवार को सुबह 10 बजे जूनागढ़ में नक्सलियों द्वारा योजनाबद्ध तरीके से नक्सलियों द्वारा घात लगाकर हमला किया गया था।

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