मध्य प्रदेश की वोटर लिस्ट में लगभग पांच लाख मृतकों और गुमनाम लोगों का नाम होने का मामला सामने आया है। दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जिलों में कलेक्टरों द्वारा की गई जांच में सामने आया है कि पांच लाख से अधिक वोटरों का अता-पता ही नहीं है।
शिकायत सामने आने के बाद राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री के सचिव चंद्रशेखर बोरकर से मप्र स्टेट इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कार्पोरेशन (MPSEDC) को एमडी पद से हटा दिया है।
वहीं, कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मामले को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है और आगामी विधानसभा चुनावों की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने भास्कर की रिपोर्ट के हवाले से ट्वीट किया, ‘लोकतांत्रिक मर्यादाओं को ताक में रख कर भाजपा का लक्ष्य अब सिर्फ सत्ता हासिल करना रह गया है। मुंगावली/कोलारस के बाद पूरे प्रदेश करीब 5 लाख फर्जी मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में पाए जाने के बाद इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव के निष्पक्ष होने पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं।‘
लोकतांत्रिक मर्यादाओं को ताक में रख कर भाजपा का लक्ष्य अब सिर्फ सत्ता हासिल करना रह गया है - मुंगावली/कोलारस के बाद पूरे प्रदेश करीब 5 लाख फर्जी मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में पाए जाने के बाद इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव के निष्पक्ष होने पर सवालिया निशान खड़े हो गए है। pic.twitter.com/ql66srE99W
— Jyotiraditya Scindia (@JM_Scindia) April 7, 2018
प्रदेश में 5 करोड़ मतदाता, 1 प्रतिशत के नाम में गड़बड़
प्रदेश में फिलहाल 5 करोड़ के लगभग मतदाता हैं, जिनमें से 1 प्रतिशत मतदाताओं के नाम गड़बड़ होने की जानकारी है, जिसे दूर किया जाना है। मतदाता सूची के परीक्षण के काम में कलेक्टरों का सुस्त रवैया सामने आया है। अभी तक सिर्फ चार कलेक्टरों ने ही वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की जानकारी भेजी है, जिसे ठीक किया जा रहा है। बाकी कलेक्टरों को भी इस तरह की गड़बड़ी की सूचना देने के निर्देश दिए गए हैं।