बरसात के माैसम में डेंगू और चिकनगुनिया के अधिकांश रोगी अस्पतालों का चक्कर काट रहे हैं। वहीं नर्सों की हड़ताल से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। नर्सों की मांग है कि सातवें वेतन आयोग की तर्ज पर उनकी भी सैलरी बढ़ाई जानी चाहिए। नर्सों की ये हड़ताल दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले अस्पतालों के आलावा एमसीडी और एनडीएमसी के अस्पताल, रेलवे के अस्पतालों में भी है।
नर्सों की हड़ताल अनिश्चितकालीन है, इसलिए अगर सरकार ने तुरंत इसे खत्म करने का रास्ता नहीं निकला तो सरकारी अस्पतालों में आने वाले दिनों में काफी परेशानी हो सकती है।
सूत्रों के मुताबिक नर्सें हड़ताल नहीं चाहती थी लेकिन सरकार ने लगातार मांगो को नजरअंदाज कर दिया। अप्रैल में स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने भी ग्रेड और एलाउन्स बढ़ाने का आश्वासन दिया पर कुछ नहीं हुआ। 10 साल से जब स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ नहीं किया और न ही सरकार की नीयत कुछ देने की है तो नर्सों को हड़ताल करनी पड़ी।