गायत्री प्रजापति को मामले में जमानत मिलने के बाद विवाद शुरू हो गया था और इसके चलते अदालत ने इसकी जांच के आदेश दिए थे। रिपोर्ट में बेहद संवेदनशील मामलो की सुनवाई करने वाली अदालतों के जजों द्वारा भ्रष्टाचार किए जाने की की बात भी कही गई है। रिपोर्ट में गायत्री प्रजापति को जमानत देने वाले जज ओपी मिश्रा की पॉस्को जज के रूप में तैनाती पर सवाल उठाया गया है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि प्रजापति को जमानत देने के लिए 10 करोड़ दिए गए थे जिसमें से आधे मध्यस्थता कर रहे वकीलों को मिले और बाकी केस की सुनवाई कर रहे जजों को दिए गए।