रामगोपाल जाट
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लोकसभा में पारित किए जा चुके तीन तलाक बिल का विरोध तेज हो गया है। बुधवार को मुस्लिम समुदाय की महिलाओं ने तीन तलाक बिल के विरोध में राजधानी जयपुर में मौन जुलूस निकाला।
बुधवार को पुराने जयपुर शहर के चार दरवाजा से घाटगेट तक हजारों की तादात में सड़क पर उतरी महिलाओं ने हाथों में तख्तियां लेकर बिल को वापस लेने की मांग की है। इससे पहले सोमवार को झुंझुनूं में भी इसी तरह का जुलूस निकाला गया था।
जुलूस के बारे में जानकारी देते हुए मंगलवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय सचिव मौलाना मोहम्मद महफूज उमरैन ने बताया कि बिल की धारा-2 के मुताबिक, एक साथ तीन तलाक नहीं होगा। जबकि धारा-3 में तीन तलाक पर तीन साल की सजा का प्रावधान है। बिल के विरोध में दलील देते हुए उमरैन ने कहा है कि इस दौरान भी तलाक नहीं होगा और महिला का शोहर भी जेल में होगा।
इससे समस्या यह होगी कि बीवी व बच्चों का तीन साल तक खर्चा कौन उठाएगा? इसके साथ ही विरोध इस बात का भी है कि दुनिया में कानून बनाने से पहले लोगों की राय ली जाती है, लेकिन यहां पर समाज के विरोध को भी दरकिनार कर दिया गया है।
जुलूस के हुजूम को देखते हुए पहले ही जयपुर पुलिस कमिश्नर ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात कर दिए थे। पूरी सड़क पर यातायात को पूरी तरह बंद कर दिया गया और किसी भी तरह की अनहोनी को रोकने के लिए कई थानों की पुलिस तैनात की गई।