असल में दिल्ली में तीन तरह का सर्विस कॉडर है। पहला आईएएस एग्मू (अरुणाचल, गोवा, मिजोरम केंद्र शासित) कॉडर, दूसरा दानिक्स (दिल्ली, अंडमान निकोबार सिविल सर्विसेस) और तीसरा दास ( दिल्ली एडमिनिस्ट्रेशन सबोर्डिनेट सर्विसेस) है। इसमें पहले दो का चयन यूपीएससी के जरिए होता है और तीसरे का डीएसएसएसबी के जरिए होता है जो पहले एसएससी से होता था। तीसरे नंबर की सर्विस फीडर पोस्ट है। यानी दास ग्रेड वन प्रोन्नति से दानिक्स बनता है। दानिक्स 50 फीसदी सीधे भर्ती से और 50 फीसदी प्रोन्निति से आते हैं। प्रोन्नति के लिए डीपीसी गृहमंत्रालय करता है लेकिन दिल्ली सरकार ग्रेड वन दास कॉडर से एडहॉक दानिक्स पर प्रोन्नति दे देती है जब तक डीपीसी से वह स्थायी तौर पर दानिक्स कॉडर नहीं ले लेते। लेकिन पिछले कई सालों से डीपीसी न होने से 480 दास कॉडर ग्रेड वन के अधिकारी एडहॉक दानिक्स के तौर पर ही काम कर रहे हैं। इस बारे में एडहॉक प्रोन्न्त अधिकारी विवेकानंद शर्मा ने केंद्रीय प्रशासनिक प्राधिकरण (कैट) में याचिका दायर की है जिसके जवाब में गृहमंत्रालय के अवर सचिव हिटलर सिंह ने माना है कि 2012 तक ही डीपीसी के जरिए प्रोन्नत कोटा भरा गया है। दिल्ली सरकार द्वारा जरूरी विवरण मुहैया न कराए जाने के कारण ग्रेड वन फीडर पद के लिए डीपीसी नहीं हो पाई है।
अवर सचिव हिटलर सिंह ने अपने हलफनामे में साफ तौर पर कहा है कि दास कॉडर को डिलिंक किए जाने का दिल्ली सरकार का दिसंबर 2015 का कैबिनेट का फैसला भी अधिकारविहीन ही है और इस बारे में गृहमंत्रालय ने उपराज्यपाल को पिछले साल अप्रैल में ही अवगत करा दिया था। साथ ही ग्रेड वन से एडहॉक प्रोन्नत किए गए 480 अधिकारियों को भी गलत नियुक्त किया गया है। दिल्ली सरकार दानिक्स में इन अफसरों को शामिल कराने में दिलचस्पी भी नहीं ले रही जिसके कारण उनकी एसीआर तक पूरी नहीं की गई हैं। मंत्रालय ने इस साल अप्रैल में अफसरों की विजिलेंस क्लीयरेंस तथा उऩके खिलाफ आपराधिक या अऩुशासनात्मक कार्रवाई का ब्योरा भी मांगा था लेकिन कोई जानकारी नहीं दी गई है जिसके चलते अफसरों को 2013 से दास ग्रेड वन कॉडर से दानिक्स में शामिल नहीं किया जा सका है।
दानिक्स (पी) ऑफिसर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष आर के गौड़ का कहना है कि दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के रवैए के चलते एडहॉक दानिक्स को कॉडर नहीं मिल पाया है। उन्होंने इस मामले में गृहमंत्रालय से हस्तक्षेप कर पहल करने की मांग की है ताकि उन्हें समय पर अपना स्केल और कॉ़डर मिल सके।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    