देवरिया कांड से उत्तर प्रदेश सरकार की किरकिरी होने के बाद महिला कल्याण मंत्री ने सबक लेते हुए विभागीय अधिकारियों की बैठक कर कई निर्देश दिए। हालांकि अगर यही तत्परता शुरू में रही होती तो इतनी बड़ी घटना होने से बच सकती थी। अब उन्होंने आश्रयगृहों और शरणालयों की 24 घंटे केन्द्रीकृत मॉनीटरिंग के लिए विभाग में स्थापित स्टेट डाटा मैनेजमेंट सेंटर का विस्तारीकरण कर सीसीटीवी कैमरों द्वारा स्क्रीन मानीटरिंग को योजना बनाकर प्रस्तुत करने का निर्देश दिए हैं।
महिला कल्याण मंत्री प्रो. रीता बहुगुणा जोशी ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि वे जारी आदेशों और निर्देशों का अनुपालन कराने के साथ रिपोर्ट भी दें। उन्होंने निर्देश दिया कि राज्य महिला आयोग और बाल आयोग के सदस्यों को भी आश्रयगृह और शरणालयों के निरीक्षण के लिए व्यवस्था बनाएं।
संवासिनियों की दिनचर्या को व्यवस्थित रखने, उनको शिक्षित और स्वाबलम्बी बनाने को उन्होंने अधिकारियों को कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए विस्तृत कार्य योजना बनाकर प्रस्तुत करने को कहा। आश्रय गृहों/शरणालयों के संचालन की आगामी व्यवस्थाओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने अधिकारियों से प्रतिष्ठित और विश्वसनीय संस्थाओं, एनजीओ की सूची तैयार करने को कहा।
उन्होंने निष्क्रिय सीडब्ल्यूसी सदस्यों और एनजीओ की सूची भी तैयार करने का निर्देश दिया। आन लाइन मानीटरिंग व्यवस्था पर अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने अवगत कराया की स्टेट डाटा मैनेजमेंट सेंटर का विस्तार करते हुए इसे दो भागों में बांट कर मानीटरिंग की पुख्ता व्यवस्था की जा सकती है।
उन्होंने कहा इसके एक यूनिट को ‘स्टेट डाटा इवैल्युएशन यूनिट’ बनाकर एमआईएस डाटा कलेक्ट करने और दूसरी यूनिट को ‘आब्जर्वेशन यूनिट’ बनाकर आश्रयगृहों/शरणालयों में स्थापित सीसीटीवी कैमरों की स्क्रीन मानीटरिंग की जा सकेगी।