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हेमंत सोरेन को रमेश बैस के बाद अब राज्‍यपाल सीपी राधाकृष्‍णन दिखा रहे 'लिफाफा बम'

कांग्रेस सांसद धीरज साहू के ठिकानों से बरामद अरबों रुपये नकद और सीएम को ईडी के छठे समन को लेकर गरम...
हेमंत सोरेन को रमेश बैस के बाद अब राज्‍यपाल सीपी राधाकृष्‍णन दिखा रहे 'लिफाफा बम'

कांग्रेस सांसद धीरज साहू के ठिकानों से बरामद अरबों रुपये नकद और सीएम को ईडी के छठे समन को लेकर गरम राजनीति के बीच राज्‍यपाल सीपी राधाकृष्‍णन हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग का 'बंद लिफाफा' दिखाने लगे हैं। राज्‍यपाल बनने को एक साल होने को है तब उन्‍हें उस लिफाफे की याद आई है।

मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा खुद के नाम खनन पट्टा के तहत ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में (भाजपा की राज्‍यपाल से शिकायत और राज्‍यपाल द्वारा चुनाव आयोग को पत्र के बाद) चुनाव आयोग ने पिछले साल अगस्‍त में ही राज्‍यपाल को अपनी सिफारिश भेजी थी। सिफारिश को लेकर पिछले साल झारखंड में तूफान मचा रहा। मीडिया में खबरें ऐसी चलीं कि हेमंत सरकार आज गई या कल। बैनर के रूप में खबरे लगातार छपती रहीं। हेमंत सोरेन भी गठबंधन के विधायकों की आपात बैठक कर उन्‍हें समेटे रखने के लिए दूसरे राज्‍यों में कैंप तक करा दिया था। चुनाव आयोग की अनुशंसा क्‍या थी इसका न तो आयोग ने खुलासा किया न ही राजभवन ने। हां भाजपा ने कतिपय नेताओं ने सोशल मीडिया में कथित संदेश लगभग स्‍पष्‍ट कर दिया था। खुद हेमंत सोरेन के मांगने पर भी दोनों में से किसी ने वह अनुशंसा पत्र उन्‍हें नहीं दिया। पूर्व राज्‍यपाल रमेश बैस 'लिफाफा बम' दिखा कर सत्‍ताधारी दल को बेचैन करते रहे।

बिना लिफाफा खोले राज्‍यपाल रमेश बैस यहां से चले गये। सीपी राधाकृष्‍णन को झरखंड के राज्‍यपाल की कुर्सी संभाले एक साल होने को हैं तो उन्‍हें हेमंत सोरेन के खिलाफ चुनाव आयोग की सिफारिश की याद आई है। राजभवन में पत्रकारों से कहा कि चुनाव आयोग की सिफारिश की समीक्षा हो रही है, मूल्‍यांकन हो रहा है। राज्‍यपाल ने कहा कि जिन लोगों ने गलम काम किया है और दोषी पाये गे हैं उन्‍हें परिणाम भुगतना ही होगा। इधर राज्‍यपाल के कथन के बाद राजनीति फिर तेज हो गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्‍ता मनोज पांडेय ने कहा है कि राजभवन में कोई लिफाफा नहीं है सिर्फ सियासत का शिगूफा है। वहीं बदली हुई परिस्थिति के बीच हेमंत सोरेन ने मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने 14 दिसंबर को गठबंधन दल के विधायकों की बैठक बुलाई है जिसमें सब को हाजिर रहने के लिए कहा गया है। वैसे 15 दिसंबर से विधानसभा का सत्र भी है। बैठक में तमाम मसलों पर विमर्श की संभावना है।

वहीं रांची जमीन घोटाला मामले में ईडी के छठे समन को दरकिनार कर मंगलवार को हेमंत सोरेन ईडी कार्यालय नहीं गये। पूर्व निर्धारित आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम में हिस्‍सा लेने दुमका चले गये। ईडी कार्यालय को पत्र भेज दिया। सवाल किया कि उन्‍हें किन कारणों से बुलाया जा रहा है, ईडी स्थिति स्‍पष्‍ट करे। पूर्व में ही वे अपनी संपत्ति का विवरण दे चुके हैं। इसके बावजूद ईडी उन्‍हें परेशान कर रही है। उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। ईडी पहले कारण बताये तब वे निर्णय करेंगे। बहरहाल तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच राज्‍यपाल का अगला रुख क्‍या होता है इससे बहुत कुछ तय होगा।

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