पटियाला में खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च के दौरान शिवसेना (बालासाहब) के कार्यकर्ताओं और खालिस्तान समर्थकों के बीच हुई झड़प के बाद शहर में तनाव है। हालात को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया है। वहीं, पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने को लेकर शिवसेना ने पार्टी के नेता हरीश सिंगला को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
पटियाला पुलिस ने कहा है कि हिंसा के मामले में प्राथमिकी भी दर्ज होंगी और गिरफ्तारियां भी की जाएंगी। फिलहाल दोनों पक्षों के बीच पीस कमेटी की मीटिंग करवाने की कोशिश की जा रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने घटना को लेकर पुलिस महानिदेशक और अन्य अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। मुख्यमंत्री मान ने ट्वीट कर कहा है कि मामले कीरंत जांच के आदेश दिए हैं और साथ ही अधिकारियों को ये सख्त हिदायत भी दी है कि एक भी दोषी को बख्शा न जाए। उन्होंने कहा कि पंजाब विरोधी ताकतों को किसी भी कीमत पर यहां की शांति भंग नहीं करने दी जाएगी।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि पटियाला में झड़प की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने डीजीपी से बात की, इलाके में शांति बहाल कर दी गई है.।सीएम ने कहा कि हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और किसी को भी राज्य में अशांति पैदा नहीं करने देंगे। पंजाब की शांति और सद्भाव अत्यंत महत्वपूर्ण है। पंजाब विरोधी ताकतों को किसी भी कीमत पर पंजाब की शांति भंग नहीं करने दी जाएगी।''
बता दें कि एक दिन पहले ही शिवसेना (बालासाहब) के कार्यकारी अध्यक्ष हरीश सिंगला ने खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च का ऐलान करते हुए किया था। उन्होंने कहा था कि शिवसेना पंजाब को खालिस्तान नहीं बनने देगी।