हालांकि, आगरा की फॉरेंसिक लैब में हुई जांच के बाद भी राज्य की योगी सरकार इस संदिग्ध पाउडर को विस्फोटक नहीं मानने से इनकार कर रही है। इस पर सरकार का कहना है कि शुरुआती जांच के बाद संदिग्ध पाउडर में PETN विस्फोटक मिलने की पुष्टि हुई थी।
मिली जानकारी के मुताबिक, आगरा फॉरेंसिक लैब की एक्सप्लोसिव रिपोर्ट में बताया गया है कि विधायक की सीट के नीचे से मिले पाउडर में विस्फोटक नहीं है। इस पाउडर की जांच आगरा लैब के चार वरिष्ठ वैज्ञानिकों की टीम ने की थी। दरअसल, लैब के डिप्टी डायरेक्टर एके मित्तल की अगुआई में इस पाउडर की जांच की गई है। इस टीम में विस्फोटक जांच के एक्सपर्ट भी शामिल थे, जिन्हें पाउडर में किसी भी तरह का विस्फोटक कण नहीं मिला है।
गौरतलब है कि विधानसभा में संदिग्ध विस्फोटक मिलने की जानकारी के बाद यूपी एटीएस ने इसके नमूने आगरा और हैदराबाद भेजे थे। आगरा की लैब ने अपनी रिपोर्ट पुलिस अधिकारियों को सौंप दी थी। हालांकि अब अधिकारी लैब की अधिकारिक रिपोर्ट नहीं मिलने की बात कह रहे हैं।
इस मामाले को लेकर यूपी सरकार का कहना है कि पाउडर को जांच के लिए आगरा लैब में भेजा ही नहीं गया था, क्योंकि उनके पास ये टेस्ट करने की सुविधा ही नहीं है। सरकार का कहना है कि लखनऊ की फॉरेंसिक साइंस लैब ने 14 जुलाई को की गई शुरुआती जांच के बाद संदिग्ध पाउडर में PETN विस्फोटक मिलने की पुष्टि की थी।