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झारखंड से शुरू हुई एयर एंबुलेंस सेवा, जा सकेंगे नई दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, वाराणसी, लखनऊ और तिरूपति

आपातस्थिति में गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों को बाहर लेजाकर इलाज कराना आसान हो गया है। शुक्रवार को...
झारखंड से शुरू हुई एयर एंबुलेंस सेवा, जा सकेंगे नई दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, वाराणसी, लखनऊ और तिरूपति

आपातस्थिति में गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों को बाहर लेजाकर इलाज कराना आसान हो गया है। शुक्रवार को झारखंड ने एयर एंबुलेंस सेवा की शुरुआत की है। तत्काल रांची से नई दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, वाराणसी, लखनऊ एवं तिरूपति प्रमुख गंतव्य के रूप में निर्धारित किए गए हैं।  रांची के अलावा देवघर, बोकारो, जमशेदपुर, धनबाद, गिरिडीह एवं दुमका में भी यह सेवा उपलब्ध होगी।  शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री  हेमन्त सोरेन ने कहा कि आज का दिन राज्य के लिए एक महत्त्वपूर्ण दिन है। राज्य के आम नागरिकों को आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आज “एयर एम्बुलेंस सेवा" का शुभारंभ किया गया है। राज्य में स्वास्थ्य सुविधा को सुदृढ़ करने की दिशा में यह एक महत्त्वपूर्ण कदम है। आज जहां एक तरफ हम विकास के नये आयाम को छू रहें हैं, वहीं दूसरी तरफ कोरोना जैसी महामारी हमारे सामने आपदा के रूप में चुनौती बनकर आई है।

कोरोना ने हमें आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधा को सुदृढ़ करने की अहमियत को बताया है। कोरोना के अलावा भी आज हमें कई नई एवं गंभीर बीमारियों के बारे में विभिन्न श्रोतों से जानकारी मिलती रहती है। इन बीमारियों से लड़ने के लिए हम राज्य में स्वास्थ्य अवसंरचना को सुदृढ़ करने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं कई ऐसी बीमारियां भी हैं जिनमें बेहतर ईलाज के लिए राज्य से बाहर जाना जरूरी हो जाता है। कई बार जिंदगी और मौत का फासला काफी कम होता है, ऐसी परिस्थिति में सड़क मार्ग अथवा रेल मार्ग से मरीज को ले जाने में काफी कठिनाई होती है। आकस्मिक  स्थिति में यदि बीमार व्यक्ति को समय पर ईलाज सुलभ हो जाए तो कई जाने बचाई जा सकती हैं। इन्हीं बातों को ध्यान में रख कर आज इस " एयर एम्बुलेंस सेवा" का शुभारम्भ किया गया है। हेमन्त सोरेन ने आज बिरसा मुंडा हवाईअड्डा स्थित स्टेट हैंगर में झारखंड की जनता के लिए पहली बार एयर एंबुलेंस सेवा का शुभारंभ किया।

 आम जनता को भी मिलेगा एयर एंबुलेंस सेवा का लाभ

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सेवा का उपयोग सिर्फ जो पैसे दे सकते वही कर पाएंगे ऐसा नहीं है, इसमें आवश्यकतानुसार जो पैसे नहीं भी दे सकता है, उसको भी एयर एंबुलेंस के माध्यम से ले जाने और स्वास्थ सेवा उपलब्ध कराने की मंशा हमारी सरकार की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनेता हो, सरकारी कर्मचारी हो या आम नागरिक सबके लिए स्वास्थ्य सेवा एक समान होना चाहिए। यहां बड़े पैमाने पर लोग एयर एंबुलेंस का उपयोग कर दूसरे राज्यों में बेहतर चिकित्सा के लिए जाते हैं। कभी-कभी ऐसी परिस्थिति उत्पन्न होती है, जहां समय का अभाव रहता है। इसमें समय के अभाव को कम करने का यह प्रयास रहा है। यह प्रयास सिर्फ दूसरे राज्य के इलाज के लिए सीमित नहीं है, इसके आगे और कड़ियां जुड़नी शेष है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि जगह-जगह सड़क के किनारे हेलीपैड बने और भीषण सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को ससमय अस्पताल पहुंचाया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में जितनी चुनौती भी हम लोग देख रहे हैं उन चुनौतियों से कैसे निपटा जाए। समस्याओं का निराकरण कैसे हो। इस पर सरकार गंभीरता से नजर रख रही है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर प्रयास करने की सोच सरकार ने राज्य वासियों के समक्ष रखा है और उम्मीद करते हैं कि इस इस सेवा से कई लोगों की जान सुरक्षित होगी। और यह एयर एंबुलेंस सेवा राज्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा तथा स्वास्थ्य जैसी सामाजिक आधारभूत संरचना को विकसित करने के लिए हमारी सरकार कटिबद्ध है तथा इस दिशा में हम निरंतर प्रयत्नशील हैं, ताकि आमजनों के जीवन में गुणवत्ता लाई जा सके। एयर एम्बुलेंस की सेवा हमारे इसी गंभीर प्रयास का परिणाम है।

हेमन्त सोरेन ने कहा कि अभी तक राज्य के आम नागरिकों को आपातकालीन स्थिति में "एयर एम्बुलेंस सेवा" प्राप्त करने के लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ता था। कोई ऐसा डेडिकेटेड सेल नहीं था, जहां सम्पर्क स्थापित कर आसानी से एयर एम्बुलेंस की सेवा प्राप्त की जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली, मुम्बई, हैदराबाद, चेन्नई जैसे महानगरों में "एयर एम्बुलेंस सेवा प्रदाता से सम्पर्क स्थापित कर काफी मशक्कत के बाद राज्य में एयर एम्बुलेंस उपलब्ध हो पाता था। साथ ही इसकी लागत इतनी अधिक थी कि वो आम जनता की पहुंच के लगभग बाहर ही था। इन्हीं समस्याओं के समाधान तथा राज्य की जनता को हेल्थ इमरजेंसी में सस्ती एवं सर्वसुलभ “एयर एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध कराने की सोंच के साथ इस सेवा का शुभारम्भ किया गया है।

फोन या ई-मेल के माध्यम से ले सकेंगे सेवा

मुख्यमंत्री ने कहा कि नागर विमानन प्रभाग द्वारा "एयर एम्बुलेंस सेवा" के लिए राज्य स्तरीय एक सेल का गठन किया गया है। अब राज्य की जनता दूरभाष पर सम्पर्क कर अथवा ई-मेल के माध्यम से एयर एम्बुलेंस की सेवा प्राप्त कर सकती है। आवेदक को दूरभाष पर ही गंतव्य के अनुसार संभावित व्यय से अवगत कराया जायेगा। आवेदक की सहमति के उपरांत एयर एम्बुलेंस ऑपरेटर द्वारा दो घंटे के अंदर एयरक्राफ्ट को तैयार करने का प्रावधान रखा गया है, ताकि जरूरतमंद को जल्द से जल्द गंतव्य तक पहुंचाया जा सके। इस सेवा के अंतर्गत आम नागरिकों की सहुलियत के लिए फ्लाईट को रि-शिड्यूल  करने का प्रावधान भी रखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्त्तमान में रांची से नई दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, वाराणसी, लखनऊ एवं तिरूपति प्रमुख गंतव्य के रूप में निर्धारित किए गए हैं। रांची के अलावा देवघर, बोकारो, जमशेदपुर, धनबाद, गिरिडीह एवं दुमका में भी यह सेवा उपलब्ध होगी।

जल्द सैकड़ों एंबुलेंस सेवा राज्य को मिलेगी

मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि आज आपकी सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में कड़ी जोड़ने का प्रयास किया है। झारखण्ड की भगौलिक संरचना विषम है। ऐसी स्थिति में स्वास्थ सेवा उपलब्ध कराना एक चुनौती कहीं-कहीं आकर खड़ी होती है। इस क्रम में लोगों को सैकड़ों एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराई गई है। इन परिस्थितियों को देखते, समझते हुए स्वास्थ्य सेवाओं पर कई बदलाव होता रहा है। आज हम लोगों ने सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में जहां बड़े वाहन नहीं जा सकते हैं। वहां मोटरसाइकिल एंबुलेंस सेवा भी देना प्रारंभ कर दिया है। बहुत जल्द सैकड़ों एंबुलेंस राज्य को मिलने जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई तकनीकी सहायता भी हम लोग ले रहे हैं। रिम्स को लेकर कई बार सकारात्मक और नकारात्मक सूचनाएं प्राप्त होती हैं। लेकिन रिम्स परिसर में भी सरकार ने दुनिया की बेहतरीन तकनीक से लैस आधुनिक मशीनों को स्थापित किया है। यहां जटिल बीमारियों का भी इलाज संभव हो पा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में जब तक मानव जीवन है तब तक चुनौती बना रहेगा, लेकिन इन चुनौतियों को स्वीकार करते हुए हमें कैसे आगे बढ़ना है। यह भी हमें चिंता करने की जरूरत है। आलोचनाएं होनी चाहिए। लेकिन वह बेहतर दिशा के लिए होनी चाहिए।

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