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राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'अत्यंत खराब', पर्यावरण मंत्री गोपाल राय बोले- हॉटस्पॉट पर तैनात की जाएंगी विशेष टीमें

राजधानी दिल्ली में हवा लगातार खराब होती जा रही है। सोमवार को नवीनतम एक्यूआई 309 के साथ दिल्ली में समग्र...
राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'अत्यंत खराब', पर्यावरण मंत्री गोपाल राय बोले- हॉटस्पॉट पर तैनात की जाएंगी विशेष टीमें

राजधानी दिल्ली में हवा लगातार खराब होती जा रही है। सोमवार को नवीनतम एक्यूआई 309 के साथ दिल्ली में समग्र वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं, दिल्ली एनसीआर में भी हवा की गुणवत्ता बिगड़ी है। यहां भी वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में है और सफर इंडिया के अनुसार दिल्ली एनसीआर में एक्यूआई 322 है। इस बीच बढ़ते एक्यूआई को देखते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली सचिवालय में सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, "दिल्ली में 13 प्रदूषण हॉटस्पॉट हैं। आज, शादीपुर, मंदिर मार्ग, पटपड़गंज, सोनिया विहार और मोती बाग सहित 8 अन्य बिंदुओं पर स्थानीय कारणों से एक्यूआई स्तर 300 से ऊपर देखा गया। प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों की पहचान और निरीक्षण के लिए यहां विशेष टीमें तैनात की जाएंगी।"

दिल्ली में तेजी से बिगड़ती वायु गुणवत्ता के बीच सोमवार सुबह धुंध की परत छाने के बाद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रदूषण शमन उपायों के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए आज एक बैठक बुलाई थी।

राजधानी का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक शनिवार के 248 के मुकाबले और अधिक खराब होकर रविवार को 313 पर पहुंच गया। दिल्ली में पिछली बार 17 मई को वायु गुणवत्ता ‘अत्यंत खराब’ दर्ज की गई थी जब एक्यूआई 336 था।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, रविवार को फरीदाबाद में 24 घंटे का औसत एक्यूआई 322, गाजियाबाद में 246, ग्रेटर नोएडा में 354, गुरुग्राम में 255 और नोएडा में 304 दर्ज किया गया।

अधिकारियों ने कहा कि संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ राय की बैठक में राहत उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

भारत मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारियों ने कहा कि तापमान में गिरावट और पराली जलाने से होने वाले उत्सर्जन के कारण दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता अगले कुछ दिनों तक ‘अत्यंत खराब’ रहेगी।

अधिकारियों के अनुसार, हवा की गति धीमी है और पिछले दो वर्षों के विपरीत अक्टूबर में कम बारिश हुई है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार की ‘निर्णय समर्थन प्रणाली’ (डीएसएस) का अनुमान है कि सोमवार से धान की पराली जलाने में बढ़ोतरी हो सकती है।

 

प्रणाली के मुताबिक, रविवार को दिल्ली में पीएम2.5 प्रदूषण में धान की पराली जलाने से निकलने वाले धुएं की हिस्सेदारी 16 फीसदी थी और सोमवार को यह बढ़कर 30-32 फीसदी हो सकती है।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार, दिल्ली में पीएम2.5 प्रदूषण में पराली जलाने की घटनाओं की अधिकतम हिस्सेदारी पिछले साल 3 नवंबर को 34 प्रतिशत और 2021 में 7 नवंबर को 48 प्रतिशत थी।

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