वह उस समय राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री थे, जब जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) के अंतर्गत जल शोधन और सीवेज पाइपलाइन परियोजना की कंसल्टेंसी पाने के लिए अमेरिकी कंपनी लुइस बर्जर के अधिकारियों ने कथित तौर पर घूस दी थी। पुलिस ने पहले कहा था कि उन्हें भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की विभिन्न धाराओं और आईपीसी की धारा 120 बी के तहत गिरफ्तार किया गया। हालांकि, अलेमाओ ने कहा कि आरोप राजनीति से प्रेरित हैं।
अलेमाओ के अलावा तीन अन्य - लुइस बर्जर के पूर्व उपाध्यक्ष सत्यकाम मोहंती, गोवा में जेआईसीए सहायता वाली परियोजना के प्रमुख आनंद वाचसुंदर और कथित हवाला कारोबारी रायचंद सोनी को पुलिस ने घूस मामले में गिरफ्तार किया था। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत से भी मामले में जांचकर्ताओं ने दो बार पूछताछ की है। गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए कामत ने अग्रिम जमानत के लिए जिला अदालत का रुख किया है। उनकी जमानत याचिका पर जिरह पूरी हो गई है और अदालत 19 अगस्त को अपना फैसला सुनाएगी।
कामत पर सबूत गायब करने का भी आरोप
गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत पर लुइस बर्जर रिश्वत मामले में सबूत गायब करने का आरोप लगाया गया है। इस मामले में महत्वपूर्ण फाइलों की खोज में लगी अपराध शाखा ने भ्रष्टाचार निरोधी कानून और भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत पहले ही कामत के खिलाफ प्राथिमिकी दायर की हुई है। अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई भाषा को बताया, कामत के खिलाफ दायर प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता की धारा 201 (अपराध का सबूत गायब करना या दोषी को बचाने के लिए झूठी जानकारी देना) भी जोड़ दी गई है।