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कौन हैं कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस चंदा, जिन पर लग रहा बीजेपी के सदस्य होने का आरोप; ममता ने दूसरे पीठ को सौंपने की कर दी है मांग

नंदीग्राम सीट से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता सुवेंदु...
कौन हैं कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस चंदा, जिन पर लग रहा बीजेपी के सदस्य होने का आरोप; ममता ने दूसरे पीठ को सौंपने की कर दी है मांग

नंदीग्राम सीट से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने चुनाव लड़ा था। जिसमें ममता की हार हुई थी। सीएम ममता ने चुनाव आयोग पर धांधली का आरोप लगाया। अब इस मामले में ममता बनर्जी कलकत्ता हाईकोर्ट पहुंची हैं। लेकिन, उनकी याचिका जिस बेंच के पास सुनवाई के लिए पहुंची है, जस्टिस कौशिक चंद्रा पर बीजेपी के साथ संबंध होने का आरोप लगा है। ममता बनर्जी के वकील ने पत्र में दावा किया है कि पता चला है कि जो बनर्जी की याचिका की सुनवाई करने वाले थे, “बीजेपी के सक्रिय सदस्य” थे। चुनाव से जुड़ी इस याचिका की सुनवाई के राजनीतिक परिणाम होंगे, ऐसे में इस मामले को किसी अन्य पीठ को सौंपा जाए। इससे पक्षपात की आशंका है। ये मांग पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के वकील ने कलकत्ता हाईकोर्ट को पत्र लिखकर कहा है। मांग की गई है कि उनकी याचिका की सुनवाई किसी और जज को दी जाए। 

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ममता बनर्जी ने कलकत्ता हाई कोर्ट में पश्चिम बंगाल की नंदीग्राम विधानसभा सीट पर शुभेंदु अधिकारी की जीत को चुनौती दी है और दावा किया है कि इस सीट पर मतगणना में धांधली हुई है। अभी इस मामले को जस्टिस कौशिक चंदा को दिया गया है। मामले को 24 जून तक के लिए टाल दिया गया है।

पत्र में ये भी कहा गया है कि ममता बनर्जी ने जस्टिस कौशिक चंदा की कलकत्ता हाईकोर्ट में स्थायी नियुक्ति पर भी आपत्ति जताई थी। उन्होंने आशंका जताई कि इस बात की संभावना है कि संबंधित जज की ओर से मामले में पूर्वाग्रह रखा जाए। उन्होंने कहा, "न्याय न केवल होना चाहिए, बल्कि होते हुए दिखना भी चाहिए।" साथ ही उन्होंने “न्यायपालिका में जनता का विश्वास बनाए रखने" की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

जस्टिस चंदा का जन्म 4 जनवरी 1974 को हुआ था। 1997 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से लॉ में डिग्री प्राप्त की थी और 18 दिसंबर 1998 को एक वकील के रूप में शुरूआत की थी। उन्हें 10 जून 2014 को वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था। अप्रैल 2015 से सितंबर 2019 तक उन्होंने देश के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के रूप में भी कार्य किया है। 1 अक्टूबर 2019 को अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में उच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया था।

टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने दो तस्वीरें ट्वीट किया था, इस तस्वीर में जस्टिस चंदा भाजपा के लॉ एंड लीगल अफेयर्स डिपार्टमेंट की बैठक में दिखाई दे रहे हैं। ओ ब्रायन ने कहा, "दोनों तस्वीरों में घेरे में यह व्यक्ति कौन है? क्या वह कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति कौशिक चंदा हैं? क्या नंदीग्राम चुनाव मामले की सुनवाई उन्हें सौंपी गई है? क्या न्यायपालिका और नीचे गिर सकती है?'  

शुक्रवार को कुछ वकीलों ने कलकत्ता हाईकोर्ट के बाहर जस्टिस चंद्रा को इस याचिका को सौंपे जाने के विरोध में प्रदर्शन किया गया। दरअसल,टीएमसी से बीजेपी में शामिल होने वाले नेता सुवेंदु अधिकारी ने विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट से ममता बनर्जी को 1,956 वोटों के अंतर से हराया था। सुवेंदु के जीत की घोषणा से कुछ घंटे पहले ममता बनर्जी के जीते जाने की घोषणा मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक किया गया था। कदाचार का आरोप लगाते हुए ममता बनर्जी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रिजल्ट के पुनर्मूल्यांकन की मांग की गई हो

टीएमसी से बीजेपी बने नेता सुवेंदु अधिकारी ने इस साल की शुरुआत में नंदीग्राम विधानसभा चुनाव में बनर्जी को 1,956 मतों के अंतर से हराया था। कदाचार का आरोप लगाते हुए, बनर्जी ने एचसी में एक याचिका दायर की, जिसमें परिणामों के पुनर्मूल्यांकन की मांग की गई है।

 

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