"मध्य प्रदेश में फर्जी धान खरीदी केंद्र का खुलासा, बिक्री के बाद भुगतान पाने के लिए भटक रहे किसानों"
केन्द्र सरकार भले ही किसानों को नये कृषि कानूनों के फायदे बताने में व्यस्त है किन्तु जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। नये कानूनों के बाद किसानों से ठगी और उचित दाम न मिलने के मामले मध्य प्रदेश में कई स्थानों से सामने आ रहे है। जबलपुर में इसी तरह का बड़ा मामला सामने आया है जहां पर निजी खरीद केन्द्र बनाकर 26000 क्विंटल की धान खरीद ली गई और अब किसान भुगतान के लिए भटक रहे है।
इस केन्द्र पर सादे कागज पर किसानों की उपज खरीदी का खेल चल रहा था। अधिकारियों ने जबलपुर के पाटन तहसील अंतर्गत सिमरा गांव में संचालित गणपति वेयर हाउस पहुंचे, तब इसका खुलासा हुआ। अब इसके संचालक के खिलाफ पाटन तहसील में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।
सिमरा गांव स्थित गणपति वेयर हाउस में वृहत्ताकार सेवा सहकारी समिति नुनसर द्वारा धान खरीदी की जा रही थी। जबकि इस वेयर हाउस को इस बार उपार्जन केंद्र ही नहीं बनाया गया है। प्रभारी आपूर्ति नियंत्रक के मुताबिक बिना अनुमति के वृहत्ताकार सेवा सहकारी समिति का संचालन प्रबंधक गंधर्व सिंह द्वारा किया जा रहा है। एसडीएम जबलपुर नम:शिवाय अरजरिया और एसडीएम पाटन मौके पर जिला विपणन अधिकारी के साथ निरीक्षण करने पहुंचे तो दंग रह गए।
इस केन्द्र पर किसानों से धान खरीद कर वेयर हाउस के अंदर रखी जा रही थी। एक भी किसान को पर्ची जारी नहीं की जा रही थी। इसके बदले में एक सादे कागज पर तौली गई धान की मात्रा लिखकर दी जा रही थी। अब प्रशासन इस धान को जब्त कर संबंधित खरीदी केंद्र को देने की कवायद में जुटी है, जिससे किसानों को उनकी उपज की कीमत मिल सके।
26 हजार क्विंटल धान खरीदी
इस अवैध केन्द्र पर तौली गई धान का अभी तक किसी भी किसान को भुगतान भी नहीं हुआ है। किसानों को अपनी उपज तौल कराने के लिए ओम साईं वेयर हाउस में धान लाने के एसएमएस भेजे गए थे। बावजूद किसान कैसे इस केंद्र पर धान तौल कराने पहुंचते रहे, ये भी हैरानी की एक बड़ी वजह है। इस अवैध खरीदी केन्द्र पर अभी तक 26 हजार क्विंटल धान खरीदकर गणपति वेयर हाउस में रखी जा चुकी है। ये सभी कार्य बिना अनुमति के किया जा रहा था।