असम, मणिपुर व नागालैंड में विवादास्पद सैन्य कानून सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफस्पा) को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि असम, मणिपुर व नागालैंड में अफस्पा के तहत आने वाले इलाके घटा दिए गए हैं। उन्होंने एक ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी जी की अटूट प्रतिबद्धता है जिससे ये बड़ा फैसला लिया गया है। अबतक हमारा पूर्वोत्तर क्षेत्र, जो दशकों से उपेक्षित था, अब शांति, समृद्धि और अभूतपूर्व विकास के एक नए युग का गवाह बन रहा है। मैं इस महत्वपूर्ण अवसर पर पूर्वोत्तर के लोगों को बधाई देता हूं।
अमित शाह ने आगे कहा कि अफस्पा के तहत क्षेत्रों में कमी से स्थिति में सुधार और प्रधानमंत्री द्वारा उत्तर पूर्व में स्थायी शांति लाने और उग्रवाद को समाप्त करने के लिए लगातार प्रयासों और कई समझौतों के कारण तेजी से विकास का परिणाम है।
इस पर केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, बहुत ही स्वागत योग्य निर्णय। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व ने उत्तर पूर्व में शांति, प्रगति और सुरक्षा का एक नया युग लाया है। अफ्स्पा के तहत क्षेत्रों में कमी से क्षेत्र में तेजी से विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार होगा।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफस्पा) होने से अशांत माहौल में लोगों को भय रहता है कि सुरक्षा बल आ रहे हैं। अगर गलत गतिविधियां होती हैं तो सुरक्षा बल आते हैं। अफस्पा कम होने का मतलब है कि शांति बहाल हो गई है और नॉर्थ ईस्ट विकास के पथ पर चल चुका है।
वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि मैं 9 जिलों और एक सब-डिवीजन को छोड़कर असम के सभी क्षेत्रों से अफस्पा वापस लेने के पीएम मोदी के फैसले का तहे दिल से स्वागत करता हूं। मैं इस साहसिक निर्णय के लिए गृह मंत्री शाह के प्रति भी अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। अब राज्य का लगभग 60 फीसदी क्षेत्र अफ्स्पा के दायरे से मुक्त होगा।
उन्होंने कहा, अफस्पा 1990 से लागू है और यह कदम असम के भविष्य में एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है। यह राज्य में कानून और व्यवस्था में महत्वपूर्ण सुधार का प्रमाण है। शांति की प्रधानता के साथ उत्तर पूर्व अब विकास के एक नए रास्ते पर है। मैं असम के लोगों को भी बधाई देता हूं, जिन्होंने शांति में विश्वास किया है। पीएम नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण यह क्षेत्र भारत के विकास का नया इंजन बनने के लिए तैयार है - अष्टलक्ष्मी।
दशकों बाद नागालैंड, असम और मणिपुर में अधिनियम (अफस्पा) हटाया गया है। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने हालांकि कहा कि इस फैसले का मतलब यह नहीं है कि अफस्पा को तीन उग्रवाद प्रभावित राज्यों से पूरी तरह से हटा लिया गया है, लेकिन अब यह तीन राज्यों के कुछ ही क्षेत्रों में लागू रहेगा।
जानें क्या होता है अफस्पा
अफस्पा सुरक्षाबलों को बिना किसी पूर्व वारंट के ऑपरेशन करने और किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार देता है, इसके अलावा सुरक्षा बलों को किसी की हत्या करने पर गिरफ्तारी और अभियोजन से छूट प्रदान करता है। इसके कथित “कठोर” प्रावधानों के लिए पूर्वोत्तर के साथ-साथ जम्मू और कश्मीर से कानून को पूरी तरह से वापस लेने के लिए विरोध किया जा रहा था और इसकी पुरजोर मांग की जा रही थी।