झारखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष पद से पिछले माह अवकाश ग्रहण करने वाले पुलिस सेवा के झारखंड कैडर के आईपीएस अधिकारी रहे अमिताभ चौधरी का 62 साल की उम्र में मंगलवार को तड़के रांची के एक निजी अस्पताल सेंटावीटा में निधन हो गया। उन्हें घर पर ही दिल का दौरा पड़ा तो तड़के उन्हें अस्पताल लाया गया था। कई तरह के रोग से वे ग्रसित थे।
चिकित्सकों के अनुसार, हार्ट अटैक से उनका निधन हुआ। हरफनमौल की छवि वाले थे। 6 जुलाई 1960 को जन्म चौधरी मूलत: बिहार में दरभंगा जिला के मनिगाछी के रहने वाले थे। 1985 बैच के आईपीएस अमिताभ चौधरी क्रिकेट जगत में भी एक जाना पहचाना नाम थे। 2005 में तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सुदेश महतो को हराकर वे झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बने। 2002 में ही वे बीसीसीआई के सदस्य बने थे। बीसीसीआई के कार्यकारी सचिव भी रहे। 2005 से 2009 तक क्रिकेट टीम इंडिया के मैनेजर भी रहे।
रांची के जेएससीए स्टेडियम निर्माण के योगदान के लिए भी उन्हें याद किया जाता है। राजनीति में भी उन्होंने तकदीर आजमाने की कोशिश की मगर सफलता नहीं मिली। नरेंद्र मोदी की लहर में वे भाजपा के टिकट पर संसदीय चुनाव लड़ना चाहते थे। टिकट नहीं मिलने पर बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा से चुनाव लड़े मगर हार गये। 67 हजार वोट लाकर चौथे पायदान पर रहे। वे शुरू से मेधावी छात्र थे। 1984 में आईआईटी खड़गपुर से बीटेक की डिग्री हासिल करने के बाद यूपीएससी की परीक्षा में बैठे। देश में दूसरा स्थान हासिल किया।
यूपीएससी पास कर 1985 में वे आईपीएस अधिकारी बने। बिहार कैडर मिला मगर राज्य विभाजन के दौरान सन् 2000 ई में उन्होंने झारखंड कैडर ले लिया। सेवा के दौरान भी जमशेदपुर में एसपी और रांची में एसएसपी रहते हुए बेहतर ख्याति हासिल की। 2013 में जब वे एडीजी रैंक के अधिकारी थे वीआरएस ले लिया। 2020 में उन्हें झारखंड लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था जिसका कार्यकाल पिछले माह जुलाई में पूरा हुआ।