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कोरोना संकट: सोशल डिस्टेंसिंग के लिए यूपी के इस युवक ने पेड़ पर बना लिया घर

कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए पूरे भारत में इन दिनों लॉकडाउन की स्थिति है। कोरोना वायरस के बढ़ते...
कोरोना संकट: सोशल डिस्टेंसिंग के लिए यूपी के इस युवक ने पेड़ पर बना लिया घर

कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए पूरे भारत में इन दिनों लॉकडाउन की स्थिति है। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच पीएम मोदी लागातार सबसे सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करने को कह रहे हैं, लेकिन फिर भी कई लोग ऐसे हैं जो इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इन सबके बीच  उत्तर प्रदेश के एक ऐसे युवक की हरकतें सोशल मीडिया पर वायरस हो रही हैं, जिसने लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंसिंग को गंभीरता से फॉलो किया और पेड़ पर अपना आशियाना बना लिया।

पेड़ पर अपना ठिकाना जमाने वाला शख्स उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के बार का है, जिसने कोरोना संक्रमण से बचने के लिए जंगल में जाकर अपना आशियाना बनाया है। इस शख्स का नाम मुकुल त्यागी है, जो पेशे से वकील हैं। मुकुल खाना पीना, रहना और धार्मिक किताबें पढ़कर पेड़ पर बनाए अपने ठिकाने पर  लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं। मुकुल त्यागी और उनका बेटा कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए पेड़ पर अपना आशियाना बनाकर रह रहे हैं। ट्री हाउस में रहकर मुकुल त्यागी को वातानुकूलित वायु भी मिल रही है साथ ही मुकुल त्यागी उसी ट्री हाउस में सोते भी है।

मैंने एकांत में रहने का मन बनाया है

इस बारे में मुकुल त्यागी ने बताया, ‘डॉक्टरों ने कहा है कि सामाजिक दूरी ही इस महामारी को रोकने का एकमात्र तरीका है, इसीलिए मैंने एकांत में रहने का मन बनाया है और मैं इसका आनंद ले रहा हूं’।

सीढ़ी के जरिए पेड़ पर चढ़ते हैं मुकुल

मुकुल त्यागी ने बताया कि मुझे यहां पर किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है। यहां तो मैं खुद को प्रकृति के बेहद करीब पाता हूं। मैंने पेड़ पर बने आशियाने तक पहुंचने के लिए सीढ़ी रखी है, जिसके जरिए मैं आसानी से पेड़ पर बने आशियाने तक पहुंच जाता हूं और आराम से रहता हूं।

इन दिनों कोर्ट-कचहरी चल रही है बंद

बता दें कि असौड़ा के रहने वाले मुकुल त्यागी हापुड में जिला बार के वकील हैं और इन दिनों कोरोना वायरस के कारण कोर्ट कचहरी भी बंद चल रही है। जिस कारण मुकुल भी अपने घर पर ही थे। लेकिन घर पर उनका मन नही लग रहा था तो वो पास के ही जंगल में चले गए। वहां जाकर उन्होंने दो दिन तक मेहनत की और एक पेड़ पर लकड़ियों की सहायता से एक ट्री हाउस बना लिया। उसपर रहने लगे और वहीं खाने-पीने लगे। साथ ही उन्होंने धार्मिक पुस्तक भी पढ़ना शुरू कर दिया।

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