आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के आर आर वेंकटपुरम स्थित केमिकल प्लांट को लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया है। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मांग करते हुए कहा है कि प्लांट को स्थानांतरित किया जाए और घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी की जाए। दरअसल, पिछले दिनों इसी प्लांट से जहरीले गैस के लिक होने से करीब ग्यारह लोगों की मौत हो गई और कई मूर्छित अवस्था में गंभीर रूप से घायल हो गए।
खबरों के मुताबिक 7 मई को प्लांट से गैस का रिसाव हुआ था। इस जहरीली गैस से करीब 1,000 से अधिक लोग बीमार हो चुके हैं। गोपालपट्टनम के एलजी पॉलीमर्स लिमिटेड में सुबह करीब 3 बजे यह हादसा हुआ था, जब आसपास की कॉलोनियों के लोग सो रहे थे। इस घटना के घटते ही लोग चलते-चलते ही बेहोश होने लगे।
मृतक के परिजनों को 1-1 करोड़ रुपये के मुआवजे की घोषणा
जिसके बाद आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये बतौर राहत देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जो लोग इलाज के दौरान वेंटिलेटर पर हैं उन्हें 10 लाख रुपये दिये जाएंगे, जबकि प्राथमिक देखभाल से गुजरने वाले सभी लोगों को 25,000 रुपये दिए जाएंगे। एक लाख रुपये उन लोगों को दिए जाएंगे जो कम से कम 2 से 3 दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती हैं। हादसे वाले इलाके में रहने वाले 15 हजार लोगों को दस-दस हजार रुपये दिए जाएंगे।
246 लोगों की हालत ज्यादा गंभीर
सीएम की बैठक के बाद डीजीपी ने कहा कि कम से कम 246 लोगों की हालत ज्यादा खराब है। उनका इलाज विशाखापत्तनम के किंग जॉर्ज अस्पताल में किया जा रहा है। 20 मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा गया है। आरआर वेंकटपुरम गांव से कम से कम 800 लोगों को निकाला गया है। डीजीपी ने कहा कि जांच इस बात की हो रही है कि गैस लीकेज कैसे हुई। प्लांट में न्यूट्रलाइजर क्यों काम नहीं कर रहा था। इससे गैस की लीकेज को रोका जा सकता था। डीजीपी ने कहा था कि वैसे तो यह गैस जहरीली नहीं है लेकिन सांस के जरिए अत्यधिक गैस शरीर में जाने पर घातक हो जाती है।
स्टिरीन वैपर गैस ने तबाही मचाई
एनडीआरएफ के डायरेक्टर जनरल एस. एन. प्रधान के मुताबिक प्लांट से स्टिरीन वैपर गैस लीक हुई थी। इस गैस से मुख्य नर्वस सिस्टम, गले, त्वचा, आंखों और शरीर के कुछ अंगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।