आंध्रप्रदेश की जगन सरकार हाल ही में भारी बहुमत से सत्ता पर काबिज हुई है, इसके लिए जगन मोहन रेड्डी ने तमाम चुनावी वादे किए थे जिनको सत्ता में आने के बाद जगन सरकार अब पूरा करने की कवायद में जुटी है। नौकरियों में आरक्षण को लेकर जगन सरकार ने चुनाव के दौरान कुछ वायदे किए थे उन्हीं को पूरा करने की बात अब राज्य सरकार कर रही है।
बेरोजगार युवाओं के लिए 1.33 लाख स्वयंसेवक (गांव के स्तर पर) नौकरियों की घोषणा करने के बाद अब जगन रेड्डी के नेतृत्व वाली आंध्र प्रदेश सरकार स्थानीय युवाओं को औद्यौगिक नौकरियों में 75% आरक्षण देने जा रही है। आंध्र प्रदेश विधानसभा में सोमवार को स्थानीय लोगों के लिए राज्य में नौकरियों के मद्देनजर इंडस्ट्रियल/फैक्ट्रीज ऐक्ट 2019 पारित किया गया, जिसके तहत सभी औद्योगिक इकाइयों, कारखानों, संयुक्त उद्यमों के साथ-साथ पीपीपी मोड की श्रेणियों में 75 प्रतिशत नौकरियां आरक्षित होंगी।
जगन सरकार पहले से स्थापित, नए उद्योगों में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने के पक्ष में थी
राज्य में बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिए जगन सरकार पहले से स्थापित और नए उद्योगों में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने के पक्ष में थी। हाल ही में हुई मीटिंग के दौरान जगन सरकार की कैबिनेट ने इसे मंजूरी भी दे दी थी।
सरकार के बड़े अधिकारी प्रदेश में उद्योगपतियों के साथ जल्द करेंगे वार्ता
आरक्षण पर लिए गए इस फैसले को लागू करने के लिए सरकार के बड़े अधिकारी प्रदेश में उद्योगपतियों के साथ जल्द ही वार्ता करेंगे। वर्तमान में राज्य के अंदर संचालित सभी औद्योगिक इकाइयां केवल कौशल के आधार पर ही लोगों को रोजगार प्रदान करती रही हैं। इससे पहले राज्य में किसी प्रकार का स्थानीय आरक्षण लागू नहीं किया गया था।
चुनावी घोषणा पत्र में किया था वादा
जगन मोहन रेड्डी ने पूरे राज्य में की गई 3,648 किलोमीटर लंबी पदयात्रा के दौरान लोगों को 75% स्थानीय आरक्षण देने का भरोसा दिलाया था। अपने चुनावी अभियान में भी जगन इसी बात को बार-बार दोहराते रहे थे। 75 प्रतिशत आरक्षण वाईएसआरसीपी के चुनावी घोषणा पत्र (नवरत्नालु) का अहम हिस्सा भी रहा है। सत्ता की बागडोर संभालने के साथ ही जगन ने अपने अधिकारियों को किसी भी कीमत पर कोटे को लागू करने के निर्देश दिए थे।
ऐसा करने वाला पहला राज्य बना आंध्र प्रदेश
बता दें कि कई राज्यों द्वारा इस दिशा में विभिन्न प्रकार की चर्चाएं की गईं लेकिन उनकी ओर से अभी तक इसे अमली जामा नहीं पहनाया गया है। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार की ओर से 9 जुलाई को कहा गया था कि सरकार एक कानून लाएगी, जिसके माध्यम से स्थानीय लोगों के लिए प्राइवेट क्षेत्र की 70 फीसदी नौकरियों को आरक्षित किया जाएगा।
दिसंबर 2018 में सत्ता में आने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक इंडस्ट्रियल पॉलिसी की घोषणा की, जिसमें सरकार से आर्थिक और अन्य सहायता हासिल करने के लिए कंपनियों को 70 फीसदी स्थानीय लोगों को नौकरी देना अनिवार्य कर दिया गया। हालांकि, अब आंध्र सरकार ने प्राइवेट जॉब्स में आरक्षण पर मुहर भी लगा दी।