ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने बताया कि चक्रवात दाना के मद्देनजर लक्षित 10 लाख लोगों में से 30 प्रतिशत से अधिक लोगों को बुधवार शाम तक सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है।
गौरतलब है कि यह चक्रवात दाना राज्य के तटीय क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है और इससे राज्य की लगभग आधी आबादी प्रभावित होने का खतरा है।
सीएम ने चक्रवात के लिए सरकार की तैयारियों की समीक्षा की, जिसके शुक्रवार को तड़के ओडिशा के भीतरकनिका और धामरा के निकट तट को पार करने की संभावना है।
मुख्यमंत्री ने कहा, "तीन जिलों के गंभीर रूप से प्रभावित होने की आशंका है। खतरे वाले क्षेत्रों से लोगों को निकालने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। अब तक लक्षित 10 लाख लोगों में से 30 प्रतिशत लोगों को निकाला जा चुका है। शेष लोगों को गुरुवार सुबह 11 बजे तक सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाएगा।"
सरकार ने मंगलवार को 14 जिलों से 10,60,336 लोगों को निकालने का लक्ष्य रखा था। एक अधिकारी ने कहा, "हालांकि, अब ध्यान केवल तटीय क्षेत्र पर है, जिस पर चक्रवात का असर पड़ने की संभावना है।"
उन्होंने कहा कि जिन लोगों को निकाला गया है, उन्हें सूखा और पका हुआ भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है तथा चक्रवात आश्रय स्थलों में अन्य सभी व्यवस्थाएं कर दी गई हैं।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि राज्य सरकार चक्रवाती तूफान से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और उन्होंने लोगों से सुरक्षित रहने तथा घबराने की नहीं अपील की।
माझी ने मीडिया के माध्यम से जनता से कहा, "सरकार स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। आप सुरक्षित हाथों में हैं।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने चक्रवात प्रबंधन के लिए विभिन्न जिलों में मंत्रियों और अनुभवी अधिकारियों को तैनात किया है। माझी ने कहा कि केंद्रपाड़ा, भद्रक, बालासोर, जगतसिंहपुर, कटक और पुरी जिले ज्यादातर चक्रवात का खामियाजा भुगतेंगे।
उन्होंने कहा, "यदि चक्रवात का मार्ग बदल जाता है तो अन्य जिले भी प्रभावित हो सकते हैं। सरकार उस स्थिति के लिए तैयार है।"
मुख्यमंत्री ने विशेष राहत आयुक्त के आपातकालीन नियंत्रण कक्ष का भी दौरा किया। उन्हें विभिन्न उपग्रह सूचनाओं और आपातकालीन संचार प्रणाली से अवगत कराया गया।