पूर्वोत्तर राज्य असम में बाढ़ से हालात और भी बिगड़ते जा रहे हैं। असम के कई जिलों में नदियों का जल खतरे के निशान से ऊपर बह रहा हैयहां दिन-प्रतिदिन स्थिति बदतर होती जा रही है। असम में गुरूवार तक 118 लोगों की मौत हो चुकी है। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा ने बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित सिलचर शहर का हवाई सर्वेक्षण किया है। हालांकि एक रिपोर्ट के अनुसार अब बाढ़ पीड़ित लोगों की संख्या घाट रही है। बाढ़ से 30 जिलों के 45.34 लाख लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि बुधवार को 32 जिलों में बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या 54.5 लाख थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि केंद्र असम में बाढ़ की स्थिति की लगातार निगरानी कर रहा है तथा इस चुनौती से निपटने के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करने की खातिर राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘सेना और एनडीआरएफ के दल बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मौजूद हैं। वे बचाव अभियान चला रहे हैं और प्रभावित लोगों की मदद कर रहे हैं। वायुसेना ने बचाव अभियान के तहत 250 से अधिक उड़ानें भरी हैं।’’ इस बीच असम में बाढ़ की वजह से गुरुवार रात तक 118 लोगों की मौत हो चुकी है।
अधिकांश प्रभावित जिलों में ब्रह्मपुत्र और बराक नदियां तथा उनकी सहायक नदियां उफान पर हैं। हालांकि कुछ जगहों पर बाढ़ का पानी घटा है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में मई के मध्य में आई बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ कर अब 108 हो गई है। उन्होंने यह नहीं बताया कि सेना की कितनी टुकड़ियां इस काम में लगायी जाएंगी। बराक घाटी के तीन जिले कछार, करीमगंज और हैलाकांडी गंभीर रूप से बाढ़ की चपेट में हैं। बराक और कुशियारा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं जिससे छह लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि बारपेटा की स्थिति सबसे खराब है जहां 10,32,561 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। कामरूप में 4,29,166, नगांव में 4,29,166, धुबरी में 3,99,945 लोग प्रभावित हुए हैं।
इस बीच, बाढ़ की वजह से राज्य के स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां एक हफ्ते पहले ही घोषित कर दी गई हैं। शिक्षा विभाग के सचिव भरत भूषण देव चौधरी ने एक अधिसूचना में कहा कि छुट्टियां 25 जून से 25 जुलाई तक रहेंगी। पहले इसके लिए एक जुलाई से 31 जुलाई तक की अवधि तय की गई थी। बाढ़ ने 173 सड़कों और 20 पुलों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया, जबकि बक्सा और दरांग जिलों में दो-दो तटबंध टूट गये हैं।
इस बीच, उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनके बेटे अनंत ने असम में बाढ़ से जूझ रहे लोगों को राहत पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) में 25 करोड़ रुपये दान दिए। मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने इसके लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक का आभार व्यक्त किया है।
तिब्बत के आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा समेत कई प्रतिष्ठित लोगों ने राहत कोष में दान दिया है। टी-सीरीज के मालिक भूषण कुमार ने 11 लाख रुपये जबकि मशहूर गायक सोनू निगम ने 15 लाख रुपये दान दिए हैं। बॉलीवुड अभिनेता अर्जुन कपूर और फिल्म निर्माता रोहित शेट्टी ने सीएमआरएफ में पांच-पांच लाख रुपये दान दिए हैं।