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उत्तराखंड की सुरंग में जिंदगी से जंग जारी, बचाव अभियान तेज, टनल में फंसे हैं 40 मजदूर

उत्तरकाशी के सिलक्यारा गांव में निर्माणाधीन सुरंग धंसने के बाद उसमें करीब 40 मजदूरों के फंसे होने की...
उत्तराखंड की सुरंग में जिंदगी से जंग जारी, बचाव अभियान तेज, टनल में फंसे हैं 40 मजदूर

उत्तरकाशी के सिलक्यारा गांव में निर्माणाधीन सुरंग धंसने के बाद उसमें करीब 40 मजदूरों के फंसे होने की घटना के आठ दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक एक भी मजदूर को बाहर नहीं निकाला जा सका है। इसकी वजह से इन मजदूरों और परिजनों में मायूसी छायी हुई है। अंदर फंसे मजदूरों के हौसले टूट रहे हैं।

सुरंग दुर्घटना में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने की कोशिशें लगातार जारी है। सभी श्रमिक सुरक्षित बताए जा रहे हैं, जिन्हें पाइप के माध्यम से लगातार ऑक्सीजन, पानी, सूखे मेवे सहित अन्य खाद्य सामग्री, बिजली, दवाइयां आदि पहुंचाई जा रही हैं। वहीं, अब मलबों के बीच से पाइप डालने के लिए बरमा ड्रिलिंग मशीनें लगाई गई हैं।

जानकारी के मुताबिक, अब तक टनल के अंदर 70 मीटर में फैले मलबे में 24 मीटर छेद किया जा चुका है। हालांकि यह आधा भी नहीं है इसलिए दावा किया जा रहा है कि अभी भी कम से कम 4-5 दिनों का समय मजदूरों को बाहर निकालने के लिए व्यवस्था करने में लग सकता है।

बता दें कि दुर्घटना के सातवें दिन शनिवार (18 नवंबर) को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के उपसचिव मंगेश घिल्डियाल और प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार और उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे ने घटनास्थल का दौरा किया। बचाव अभियान की रणनीति को लेकर आयोजित एक विशेष बैठक में हुए विचार-विमर्श के बाद उन्‍होंने घोषणा की कि सिलक्यारा सुरंग हादसे में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए रेसक्यू ऑपरेशन अब पांच मोर्चों पर चलेगा।

उत्तरकाशी के सिलक्यारा में राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनाई जा रही सुरंग में फंसे 40 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए चल रहे ऑपरेशन पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) लगातार नजर बनाए हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभियान की प्रगति का लगातार अपडेट ले रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य सचिवालय में मीडियाकर्मियों से बातचीत में यह बात कही। सुरंग निर्माण में बरती गई लापरवाही से जुड़े प्रश्न पर उन्होंने कहा कि हमारी अभी सबसे पहली प्राथमिकता 40 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने की है।

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