बिहार के बेगूसराय में जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के काफिले पर हमला हुआ है। एएनआई के मुताबिक, गाड़ियों में तोड़-फोड़ की गई है और घटना में कम से कम छह लोग घायल हुए हैं। कहा जा रहा है कि यह झड़प बजरंग दल कार्यकर्ताओं और कन्हैया समर्थकों के बीच हुई। बेगूसराय के भगवानपुर के दहिया के निकट बजरंग दल के कार्यकर्ता कन्हैया कुमार के काफिले का विरोध कर रहे थे। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में जबरदस्त झड़प हो गई। बजरंग दल के कई कार्यकर्ता घायल हुए हैं।
सभा से वापस लौट रहे थे कन्हैया
उधर कन्हैया के काफिले में शामिल छह गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए गए। दोनों पक्ष एफआईआर दर्ज कराने पहुंचे हैं। कन्हैया अपने समर्थकों के साथ मंसूरचक में सभा कर वापस लौट रहे थे।
पटना में दर्ज हुआ था कन्हैया पर मारपीट का केस
आरोप है कि कन्हैया कुमार ने रविवार को पटना के एम्स अस्पताल में कुछ समर्थकों के साथ जूनियर डॉक्टरों के साथ बदसलूकी की थी। इस घटना के बाद डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी थी, लेकिन पुलिस के आश्वासन के बाद उन्होंने अपनी हड़ताल वापस ले ली। डाक्टरों का आरोप था कि कन्हैया रविवार की रात एम्स में भर्ती अपने एक मित्र और एआईएसएफ नेता सुशील कुमार से मिलने यहां पहुंचे थे।
कन्हैया के साथ करीब 40-50 समर्थकों ने उनके साथ ट्रॉमा इमरजेंसी में जाने का प्रयास किया। आरोप है कि जब सुरक्षा गार्ड ने रोकने की कोशिश की तो गार्ड के साथ मारपीट की गई। वार्ड में तैनात डाक्टरों ने जब उनके समर्थकों को वापस जाने को कहा तब भी समर्थक वापस नहीं गए और उन्होंने डाक्टरों से दुर्व्यवहार किया। इसके बाद एम्स में काफी देर तक लेकर हंगामा होता रहा।
पटना के फुलवारी शरफी थाने में दर्ज हुए केस में कन्हैया कुमार, सुशील कुमार समेत अन्य 80 लोगों के नाम शामिल हैं। डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने के कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
बेगूसराय से कन्हैया के चुनाव लड़ने की है चर्चा
कन्हैया कुमार बेगूसराय से 2019 लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की ओर से प्रत्याशी हो सकते हैं। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) की राज्य ईकाई इसका ऐलान पहले ही कर चुकी है। जेएनयू में 9 फरवरी, 2016 को देश विरोधी नारे लगने के बाद कन्हैया कुमार चर्चा में आए थे। वह तब जेएनयूएसयू के अध्यक्ष थे और पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया था।