पश्चिम बंगाल सरकार सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए काम कर रही है और इसके परिणाम जल्द ही सामने आएंगे। राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत ने यह जानकारी दी।
कोलकाता के सरकारी आर.जी. कर अस्पताल में महिला प्रशिक्षु चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या मामले की सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर पंत ने कहा कि आंदोलनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों को अधीर नहीं होना चाहिए।
उच्चतम न्यायालय ने चिकित्सा महाविद्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाने और शौचालयों तथा अलग विश्राम कक्ष के निर्माण में पश्चिम बंगाल सरकार की धीमी प्रगति पर असंतोष व्यक्त किया और राज्य को 15 अक्टूबर तक चल रहे कार्य को पूरा करने का निर्देश दिया।
पंत ने कहा कि राज्य सरकार को उम्मीद है कि आंदोलनकारी कनिष्ठ चिकित्सक अपनी जिम्मेदारियों से अवगत हैं और अपनी पूरी क्षमता से मरीजों की सेवा करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हर जगह काम चल रहा है। कुछ जगहों पर 30 फीसदी काम पूरा हो चुका है और कुछ जगहों पर 70 फीसदी। सरकार सचेत और सक्रिय है। मुख्यमंत्री (ममता बनर्जी) खुद स्थिति पर नजर रख रही हैं।’’