भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में हिंदूवादी नेता संभाजी भिड़े की गिरफ्तारी को लेकर जहां प्रदर्शन किया जा रहा है। वहीं अब उनके खिलाफ दर्ज मामले हटाने को लेकर बुधवार को मुंबई के आजाद मैदान में दक्षिणपंथी संगठनों ने मार्च किया। इस रैली में भीमा कोरेगांव की हिंसा में मारे गए युवक के परिजन भी शामिल हुए।
Mumbai: Protest being held at Azad Maidan in support of Sambhaji Bhide #BhimaKoregaonViolence pic.twitter.com/DJOvKVK19V
— ANI (@ANI) March 28, 2018
दक्षिणपंथी संगठन शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान बुधवार को पूरे महाराष्ट्र में भिड़े के खिलाफ सभी मामले हटाने की मांग कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के 32 शहरों में बुधवार की सुबह से दक्षिणपंथी संगठनों का प्रदर्शन चल रहा है।
इससे पहले 26 मार्च को प्रकाश अंबेडकर ने संभाजी भिड़े की गिरफ्तारी की मांग को लेकर बड़ी रैली का आयोजन किया था। उनका कहना है कि भीमा कोरेगांव दंगा केस में एफआईआर दर्ज होने के बावजूद भिड़े खुलेआम घूम रहा है। इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में दलित संगठन आजाद मैदान में इकट्ठा हुए। राज्य सरकार के प्रतिनिधियों ने प्रकाश अंबेडकर से मुलाकात की और भरोसा दिया कि इस मामले में एक सप्ताह के भीतर जांच की जाएगी और जो भी दोषी होगा, उसे छोड़ा नहीं जाएगा।
संभाजी भिड़े, जिन्हें नरेंद्र मोदी भी प्यार से ‘गुरुजी’ कहते हैं...
सादी वेशभूषा, मराठी टोपी, लंबी मूंछ और ओजपूर्ण भाषण.... लोग इन्हें प्यार से गुरुजी कहते हैं। उनके बारे में यह बात मशहूर है कि वो हमेशा नंगे पैर चलते हैं। भिड़े ने आज तक अपना कोई मकान नहीं बनाया है और न ही कभी कार से चलते हैं। कहा जाता है कि संभाजी भिड़े की लोकप्रियता इतनी है कि उनकी एक आवाज पर लाखों युवा इकट्ठा हो जाते हैं।
भिड़े की उम्र 80 वर्ष है और उनका असली नाम मनोहर है। सतारा जिले का सबनिसवाड़ी उनका पैतृक गांव है। न्यूक्लियर फिजिक्स में एमएससी भिड़े पुणे के फर्गुसन कॉलेज में प्रोफेसर रह चुके हैं। 1980 के दौर में उन्होंने शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान नाम की एक संस्था बनाई। उनकी संस्था का मुख्य काम शिवाजी महाराज के बारे में लोगों को बताना है।
संभाजी भिड़े, गोविंद गायकवाड़ की समाधि को कथित रूप से तोड़ने के मामले में भी शामिल हैं।
दरअसल गोविंद गायकवाड़ ने संभाजी महाराज का अंतिम संस्कार किया था क्योंकि मुगल फरमान था कि कोई शव को छू नहीं सकता, जबकि गोविंद दलित जाति के थे।
इस पर भिड़े का कहना है कि यह झूठ है कि दलित समाज के किसी व्यक्ति ने संभाजी महाराज का अंतिम संस्कार किया था, बल्कि महाराष्ट्र सरकार को अध्ययन कर सच सबको बताना चाहिए कि मराठा समुदाय के शख्स ने महाराज का अंतिम संस्कार किया था।
2014 में सांगली दौरे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था, “मैं सांगली खुद से नहीं आया बल्कि भिड़े गुरुजी के हुकुम पर आया हूं और वे हम सबके लिए एक आदर्श के समान है।”
अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री मोदी संभाजी भिड़े का कितना आदर करते हैं, वे उनके संगठन शिव प्रतिष्ठान के कार्यक्रमों में जा चुके हैं।
इसके अलावा शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, सूबे के सीएम देवेन्द्र फडणवीस से भी उनकी नजदीकियां मानी जाती हैं। ऐसे में संभाजी के रुतबे का अनुमान लगाया जा सकता है।