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बिहार: पूर्व सीएम मांझी के काफिले पर उग्र भीड़ ने किया हमला

बिहार के गया जिले में स्थानीय नेता की हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रही उग्र भीड़ ने वहां से गुजर रहे पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के काफिले पर हमला कर दिया और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। भीड़ के हमले में मांझी के घायल होने की खबर है। हालांकि स्थानीय पुलिस ने इस बात से इनकार किया है।
बिहार: पूर्व सीएम मांझी के काफिले पर उग्र भीड़ ने किया हमला

गया में एक स्थानीय लोजपा नेता और उनके चचेरे भाई की हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रही भीड़ में शामिल कुछ असमाजिक तत्वों ने गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के काफिले पर हमला कर दिया। भीड़ ने मांझी के काफिले में शामिल एक जीप तथा दो मोटरसाइकिल को आग के हवाले कर दिया। भीड़ के हमले में मांझी को कुछ चोटें आई हैं। हालांकि मगध प्रमंडल के पुलिस उपमहानिरीक्षक(डीआईजी) सौरभ कुमार ने बताया कि डुमरिया मोड़ पर शवों के साथ प्रदर्शन कर रहे लोगों में शामिल कुछ असमाजिक तत्वों द्वारा किए गए इस हमले में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और उनके काफिले में शामिल अन्य लोगों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। उन्होंने बताया कि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर के राष्ट्रीय अध्यक्ष मांझी सुरक्षित हैं तथा वे वतर्मान में डुमरिया स्थित सीआरपीएफ कैंप में हैं।

 

डीआईजी ने बताया कि उग्र भीड़ ने प्रदर्शन स्थल के करीब स्थित डुमरिया थाना पर भी हमला बोला और गोलीबारी एवं पथराव किया तथा वहां मौजूद एक जीप में आग लगा दी। उन्होंने बताया कि भीड़ द्वारा किए गए पथराव में अपर पुलिस अधीक्षक (अभियान) मनोज यादव के सिर में चोट आई है और कुछ अन्य पुलिसकर्मी भी चोटिल हो गए हैं। मनोज को इलाज के लिए गया मुख्यालय भेजा गया है जबकि बाकी अन्य चोटिल पुलिसकर्मियों का प्राथमिक उपचार किया गया। डिआईजी ने स्थिति को अब नियंत्रण में बताते हुए कहा कि हिंसा पर उतारू भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले छोड़े गए। स्थानीय लोजपा नेता सुरेश पासवान और उनके चचेरे भाई सुनील पासवान की 24-25 मई की रात्रि में पुलिस मुखबिरी के आरोप में कथित माओवादियों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आज स्थानीय लोग परिजनों को मुआवजा देने और हत्यारों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग को लेकर मृतकों के शव को इमामगंज-डुमरिया मुख्य मार्ग के डुमरिया मोड़ पर रखकर प्रदर्शन कर रहे थे।

 

बताया जा रहा है कि जिलाधिकारी के साथ घटनास्थल पर कैंप कर रही गया की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गरीमा मलिक प्रदर्शनकारियों को समझाकर सड़क जाम खत्म कराने का प्रयास कर रही थीं कि तभी वहां से गुजर रहे मांझी के काफिले पर प्रदर्शनकारियों में शामिल कुछ असमाजिक तत्वों ने हमला बोल दिया। बाद में दोनों मृतकों के शवों को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए गया मुख्यालय स्थित अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कालेज अस्पातल भेज दिया। उल्लेखनीय है कि सुरेश पासवान की पत्नी मायारानी कछार पंचायत से दोबारा निर्वाचित होने के लिए चुनाव लड़ रही हैं, जबकि सुनील पासवान उसी पंचायत सदस्य के रूप में उम्मीदवार थे। सुरेश और सुनील पर गोलीबारी करने के बाद माओवादियों ने उनके साथ चल रहे एक मैजिक वाहन, एक टाटा 407 और एक मोटरसाइकिल को आग के हवाले कर दिया था।

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