तमिलनाडु विधानसभा में सोमवार को मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट से छूट देने वाला विधेयक पास कर दिया गया। सदन में बीजेपी को छोड़कर अन्य सभी पार्टियों ने एक प्रस्ताव का समर्थन किया। इस विधेयक में राज्य के मेडिकल स्टूडेंट्स को नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) से स्थायी छूट देने के लिए राष्ट्रपति की सहमति मांगी गई है। अब कक्षा 12वीं के अंकों के आधार पर ही एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश को सक्षम बनाएगा।
विधेयक पेश करते हुए तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने कहा था कि आज मैंने नीट के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया है। आप (एआईएडीएमके) भी यह प्रस्ताव लेकर आए। मैं विपक्षी दलों से इस प्रस्ताव को अपना समर्थन देने का आग्रह करता हूं। बता दें कि रविवार को देश भर में हुई नीट परीक्षा के एक दिन पहले शनिवार को राज्य में एक नीट अभ्यर्थी की आत्महत्या मामले ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया था।
नीट अभ्यर्थी की आत्महत्या से राज्य में मचे राजनीतिक तूफान के बीच सोमवार को विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। सत्तारूढ़ डीएमके और विपक्षी एआईएडीएमके ने एक दूसरे पर आरोप लगाए। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और एआईएडीएमके नेता ईके पलानीस्वामी ने कहा कि नीट को लेकर छात्र और अभिभावक पूरी तरह कंफ्यूज हैं। डीएमके नीट पर कोई स्पष्ट फैसला नहीं ले सकी। उन्होंने नीट अभ्यर्थी की आत्महत्या का जिम्मेदार डीएमके को ठहराते हुए कहा, 'डीएमके ने कहा था कि वह नीट को राज्य से खत्म करेगी। इसके चलते स्टूडेंट्स नीट परीक्षा की तैयारी अच्छी तरह नहीं कर पाए। हमने इसके विरोध में सदन से वॉकआउट का फैसला किया है। हम प्रस्ताव का समर्थन करेंगे।'
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
			 
                     
                    