पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा गुरुवार को भाजपा की रैली के दौरान एक सिख व्यक्ति के साथ धक्का-मुक्का का एक वीडियो वायरल हुआ है। बलबीर सिंह के रूप में पहचाने जाने वाले व्यक्ति को हावड़ा के जीटी रोड से पिस्तौल के साथ गिरफ्तार किया गया।
बीजेपी का आरोप है कि कोलकाता पुलिस ने बठिंडा के रहने वाले 43 वर्षीय सिख शख्स बलविंदर सिंह की पगड़ी खींच कर धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। घटना हावड़ा मैदान इलाके की है।
हालांकि पुलिस ने यह कहते हुए आरोप से इनकार किया है कि पगड़ी हाथापाई के दौरान गिर गई और गिरफ्तार करने से पहले सिख शख्स को उसे लगाने के लिए कहा गया।
इस विवाद ने सोशल मीडिया पर भी तूल पकड़ लिया है, यहां तक कि क्रिकेटर हरभजन सिंह ने भी इस घटना पर नाराजगी जताते हुए शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ट्वीट करते हुए कहा, "कृपया इस मामले को देखें।" अपने ट्वीट के साथ उन्होंने उन्होंने भाजपा की दिल्ली इकाई के सचिव इंप्रीत सिंह बख्शी द्वारा किए गए ट्वीट और वीडियो क्लिपिंग को भी शेयर किया है।
यही ट्वीट और वीडियो भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अरविंद मेनन और अन्य नेताओं द्वारा भी साझा किए गए हैं। इस घटना के बाद सिख समुदाय के कुछ सदस्यों ने भी मध्य कोलकाता में विरोध प्रदर्शन किया। न केवल भाजपा नेताओं ने बल्कि शिरोमणि अकाली दल ने भी ममता बनर्जी से इसमें शामिल पुलिसवालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अपील की है।
पुलिस ने सिंह पर भारतीय शस्त्र अधिनियम के तहत आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सिख शख्स को लाइसेंस कश्मीर के राजौरी में जारी किया गया था। यह पश्चिम बंगाल में मान्य नहीं है। सिंह को शुक्रवार को हावड़ा अदालत में पेश किया गया और हिरासत में भेज दिया गया।
पश्चिम बंगाल पुलिस ने दी सफाई
मामले में बवाल बढ़ने के बाद इस घटना को लेकर पश्चिम बंगाल पुलिस ने कहा है कि उसका किसी समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का कोई इरादा नहीं था। पुलिस ने रात को एक फोटो ट्वीट कर कहा कि बलविंदर को गिरफ्तार करने से पहले उनकी पगड़ी सम्मान सहित उन्हें पहनने का मौका दिया गया था।
बलविंदर के पास से 9 एमएम की पिस्टल मिली है और वह राष्ट्रीय राइफल्स के पूर्व जवान हैं। पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि बलविंदर सिंह किसी बीजेपी नेता की सुरक्षा में तैनात थे।
बीजेपी की 'नबन्ना चलो' रैली में झड़प
बता दें कि गुरुवार को राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था का आरोप लगाकर बीजेपी ने सचिवालय तक 'नबन्ना चलो' का मार्च निकाला था। इस दौरान बंगाल पुलिस ने बीजेपी नेताओं को रोका और फिर 3 घंटों तक कार्यकर्ताओं के बीच जमकर झड़प हुई।