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सूखा सेल्फी लेकर फंसीं भाजपा मंत्री पंकजा मुंडे

महाराष्ट्र की ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे मराठवाड़ा के सूखा प्रभावित क्षेत्र में दौरे के समय सेल्फी खिंचवाने के चक्कर में सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक शिवसेना एवं विपक्ष के निशाने पर आ गई हैं। क्षेत्र के दौरे पर गईं पंकजा ने सूख चुकी मांजरा नदी को पृष्ठभूमि में रखते हुए सेल्फी खिंचवाई।
सूखा सेल्फी लेकर फंसीं भाजपा मंत्री पंकजा मुंडे

शिवसेना के प्रवक्ता मनीषा कायनाडे ने कह, महाराष्ट्र भीषण अकाल से गुजर रहा है। महिलाएं एवं बच्चे भी दूर-दूर से पानी ला रहे हैं। शिवसेना सूखा प्रभावित क्षेत्रों में काफी काम कर रही हैं। इस प्रकार की गंभीर स्थिति में मंत्री सेल्फी खींच रहे हैं। उन्होंने कहा, इससे बचा जा सकता था। इससे इस प्रकार के दौरे का प्रभाव कम हो जाता है। पूरा महाराष्ट्र गंभीर सूखे से गुजर रहा है। सेल्फी की कोई जरूरत नहीं थी। मुख्यत: महिलाओं को ही झेलना पड़ रहा है और दूर-दूर से पानी लाना पड रहा है तथा एक महिला सेल्फी ले रही है। यह विचित्र है।

मंत्री की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो जाने के बाद ट्विटर पर भी उनकी खिंचाई हो रही है। मौके पर मौजूद एक अधिकारी ने बताया कि मुंडे ने सेल्फी खींच ली जिसमें पृष्ठभूमि में काम चल रहा था तथा उसके बाद उसे एक सोशल नेटवर्किंग साइट पर पोस्ट कर दिया। उन्होंने ट्वीट किया, मांजरा बैराज के एक हिस्से के साथ सेल्फी। लातूर को राहत। कांग्रेस प्रवक्ता अल नसीर जकरिया ने इसे सेल्फी क्षण और एक कैबिनेट मंत्री का शर्मनाक कृत्य बताया।

उन्होंने कहा, यह शर्मनाक है कि उन्हें इस प्रकार की सेल्फी सोशल नेटवर्किंग साइट पर पोस्ट करनी पड़ी ताकि लोगों को यह दिखाने का प्रयास किया जा सके कि वह लोगों के कल्याण के लिए चिंतित हैं। हम चाहते हैं कि वर्तमान मंत्री मीडिया के प्रति अधिक उत्सुक नहीं रहें तथा जमीनी स्तर पर अधिक काम करें जो निश्चित तौर पर भविष्य में दिखेगा।

राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि समीक्षा बैठक लेने की बजाय सेल्फी खिंचवाना किसानों की परेशानियों का मजाक बनाने के समान है। उन्होंने कहा, सरकार सूखे के प्रति गंभीर नहीं है। सूखे से निबटने लिए वहां भी कोई योजना नहीं है जहां महीनों पहले से पर्याप्त आंकड़े उपलब्ध हैं। वह बीड़ एवं लातूर की प्रभारी मंत्री हैं तथा उन्होंने फिर भी पिछले एक साल से समीक्षा बैठक नहीं की है।

पिछले हफ्ते राजस्व मंत्री एकनाथ खड़से की सूखा प्रभावित लातूर जिले में हेलीकाप्टर से जाने के निर्णय की आलोचना हुई थी। इसके चलते एक विशेष हेलीपैड पर करीब 10 हजार लीटर पानी की बर्बादी हुई थी।

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