लोक निर्माण विभाग की बजटीय मांगों पर विधानसभा में बोल रहे लोढा ने कहा, दक्षिण मुंबई में जिन्ना का आवास ही वो जगह है जहां से विभाजन की साजिश रची गयी थी। जिन्ना हाउस विभाजन का प्रतीक है। उसे गिराया जाना चाहिए।
विधायक ने कहा कि संसद द्वारा शत्रु संपत्ति कानून पारित किये जाने के बाद जिन्ना हाउस भारत सरकार की संपत्ति है। उसे गिराना ही एकमात्र विकल्प है। उन्होंने कहा, इमारत के रखरखाव की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी की है और इस पर लाखों रपये खर्च होते हैं। विधायक के मुताबिक शत्रु संपत्ति कानून पारित होने के बाद जिन्ना के वारिस जिन्ना हाउस पर दावा नहीं कर सकते।
शत्रु संपत्ति कानून के मुताबिक विभाजन के दौरान पाकिस्तान और चीन चले गए लोगों का भारत में रह गयीं संपत्तियों पर कोई दावा नहीं है।