ऐसे में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है। संघ नेताओं के निर्देश को जब भाजपा विधायकों को बताया गया तब सहमति बन गई।
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने साफ तौर पर इस बात की ओर इशारा किया है कि मांझी संग भाजपा खड़ी रहेगी। मोदी ने कहा कि भाजपा विधायकों ने सर्वसम्मति से यह विचार व्यक्त किया है कि दलित का अपमान करने के चलते भाजपा नीतीश को सबक सिखाना चाहती है। उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी को विश्वास मत के दौरान मांझी के साथ खड़ा होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को विधायकों की राय से अवगत कराया जाएगा और भाजपा के विश्वास मत को लेकर निर्णय लिया जाएगा।
जदयू द्वारा मांझी को पार्टी से निष्कासित कर अपना नया विधायक दल नेता पूर्व मुख्यमंत्राी नीतीश कुमार को चुन लिए जाने के बाद से मांझी की नैया डांवाडोल हो गई है।
नीतीश कुमार द्वारा जदयू के अलावा राजद, कांग्रेस, भाकपा और एक निर्दलीय विधायक समेत 130 विधायकों के समर्थन होने का दावा किए जाने पर राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने मांझी को आगामी 20 फरवरी को विश्वास मत हासिल करने का निर्देश दिया है।
243 सदस्यीय बिहार विधानसभा 10 सीट खाली है ऐसे में बहुमत के 117 के जादुई आंकडे़ को प्राप्त करने के लिए मांझी को भाजपा के 87 विधायकों का समर्थन नितांत आवश्यक है और उन्हें 30 अन्य विधायक जुटाने होंगे।
20 फरवरी को मांझी का भविष्य तय होगा।