सिक्किम में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में, सत्तारूढ़ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन की वकालत करते हुए गंगटोक से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक वाई टी लेप्चा ने दावा किया है कि अगर भगवा पार्टी अकेले चुनाव लड़ती है तो ‘वह 500 वोट भी’ हासिल नहीं कर पाएगी।
लेप्चा का यह बयान प्रदेश भाजपा नेतृत्व की उस राय के विपरीत है जिसमें उसने कहा है कि पार्टी मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग के नेतृत्व वाले गठबंधन सहयोगी एसकेएम से संतुष्ट नहीं है और वह अकेले विधानसभा चुनाव लड़ने पर विचार कर सकती है।
लेप्चा ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘सिक्किम में 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव में एसकेएम के साथ गठबंधन के बिना भाजपा के किसी भी सीट पर जीतने की संभावना बहुत कम है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने अपने दम पर एक भी पंचायत सीट नहीं जीती है। हमने एसकेएम के साथ गठबंधन में दो विधानसभा उपचुनाव जीते।’’ उनका इशारा गंगटोक सीट से अपनी जीत और मार्तम रुमटेक सीट से एस टी वेनचुंगपा की जीत की ओर था।
लेप्चा ने कहा, ‘‘मैं व्यक्तिगत रूप से इस बात का समर्थन करता हूं कि एसकेएम और भाजपा के बीच गठबंधन 2024 में भी जारी रहना चाहिए।’’ उन्होंने विश्वास जताया कि अगर दोनों दल साथ मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो उनका गठबंधन आसानी से चुनाव जीत जाएगा।
भाजपा प्रवक्ता कमल अधिकारी ने हालांकि कहा कि लेप्चा द्वारा व्यक्त किए गए विचार उनके निजी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम सिक्किम की सभी 32 विधानसभा सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे क्योंकि दोनों दलों के बीच अब तक किसी गठबंधन पर कोई विचार-विमर्श नहीं हुआ है।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा हिमालयी राज्य को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 371 (एफ) की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘कुछ स्थानीय राजनीतिक कार्यकर्ता यह दावा कर भाजपा पर सिक्किम विरोधी पार्टी होने का आरोप लगा रहे हैं कि सिक्किम के पुराने कानूनों की रक्षा करने वाले संवैधानिक प्रावधानों को केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा कमजोर किया जा रहा है। ये आरोप पार्टी के खिलाफ दुष्प्रचार हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे राष्ट्रीय और राज्य के नेताओं ने बार-बार कहा है कि भाजपा हर कीमत पर अनुच्छेद 371 (एफ) की पवित्रता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’
भाजपा का सत्तारूढ़ एसकेएम के साथ अनौपचारिक गठबंधन है। उसने एसकेएम के नेतृत्व वाली सरकार को बाहर से समर्थन दिया है।
सिक्किम में भाजपा के 12 विधायक हैं। इनमें से 10 विधायक, 2019 में विपक्षी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) से अलग हो कर पार्टी में आए थे, जबकि दो अन्य उसी वर्ष हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी के चिह्न पर चुने गए थे।