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माणिक साहा के हाथों में फिर त्रिपुरा की कमान, मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, पीएम मोदी भी रहे मौजूद

त्रिपुरा में माणिक साहा ने मुख्यमंत्री पद की कमान संभाल ली है। माणिक साहा ने एक बार फिर से राज्य के...
माणिक साहा के हाथों में फिर त्रिपुरा की कमान, मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, पीएम मोदी भी रहे मौजूद

त्रिपुरा में माणिक साहा ने मुख्यमंत्री पद की कमान संभाल ली है। माणिक साहा ने एक बार फिर से राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ आठ और मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। जिनमें रतनलाल नाथ, प्राणजीत सिंघा रॉय, सांतना चकमा, टिंकू रॉय और बिकाश देबबर्मा और सुक्ला चरण नोएटिया शामिल हैं।

 

अगरतला के विवेकानंद मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। साथ ही असम के मुख्यमंत्री और भाजपा की पूर्वोत्तर सफलताओं के सूत्रधार हिमंत बिस्वा सरमा, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडा, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और सिक्किम के मुख्यमंत्री पीएस तमांग भी मौजूद थे। मंच पर बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब देब भी थे, जिन्हें पिछले साल पद से हटा दिया गया था।

बता दें साठ सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा में भाजपा ने 32 सीट पर जीत दर्ज की है, जबकि इसकी सहयोगी इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) को एक सीट मिली है।

करीब छह साल पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए साहा ने टाउन बोरडोवाली सीट पर कांग्रेस नेता आशीष कुमार साहा को 1,257 वोट से हराया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई नेता भी इस सीट पर साहा के लिए ‘मुकाबला कठिन’मान रहे थे।

शपथ ग्रहण समारोह से एक दिन पहले त्रिपुरा इकाई के मुख्य प्रवक्ता सुब्रत चक्रवर्ती ने कहा, 'बीते तीन दशकों में यह पहली बार है कि त्रिपुरा में किसी गैर वाम सरकार ने सत्ता में वापसी की है। हमें उम्मीद है कि दूसरी बार सत्ता में आई भाजपा सरकार जनता की आकांक्षाओं को पूरा करेगी।'

गौरतलब है कि 1988 में कांग्रेस-टीयूजेएस ने वाम दल को परास्त करके त्रिपुरा में सरकार बनाई थी, लेकिन यह गठबंधन वर्ष 1993 में वाम दल से हार गया।

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