मिजोरम पुलिस ने कोलासिब जिले के वैरेंगते नगर के बाहरी हिस्से में हुई हिंसा के मामले में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा, राज्य पुलिस के चार वरिष्ठ अधिकारियों और दो अन्य अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए हैं। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
मिजोरम के पुलिस महानिरीक्षक (मुख्यालय) जॉन एन ने बताया कि इन लोगों के खिलाफ हत्या का प्रयास और आपराधिक साजिश समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि सीमांत नगर के पास मिजोरम और असम पुलिस बल के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद सोमवार देर रात को राज्य पुलिस द्वारा वैरेंगते थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
कोलासिब के वेरेंगटे पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर एच ललछाविमाविया ने असम के सीएम हिमंता बिस्वा शर्मा, असम के आईजी अनुराग अग्रवाल, डीआईजी दिवोज्योति मुखर्जी, कछार के डीसी कीर्ति जल्ली, कछार के पूर्व एसपी वैभव चंद्रकांत निंबालकर, फॉरेस्ट ऑफिसर सन्नीदेव चौधरी, ढोलाई पुलिस स्टेशन इंचार्ज सहाबुद्दीन और असम पुलिस के 200 अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। सीएम समेत सभी को 1 अगस्त को पुलिस स्टेशन में हाजिर होने को कहा गया है।
इससे पहले असम पुलिस भी मिजोरम के छह अधिकारियों को समन भेज चुकी है। इन सभी से 2 अगस्त को ढोलाई पुलिस स्टेशन में हाजिर होने को कहा है। मिजोरम पुलिस ने 26 जुलाई को असम के अधिकारियों की टीम पर फायरिंग कर दी थी जिसमे असम के पांच पुलिसकर्मियों और एक नागरिक की जान चली गई थी। एसपी समेत 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इस झड़प के बाद दोनों राज्यों की सीमा पर केंद्रीय बलों को तैनात किया गया है।
एफआईआर कथित तौर पर मिजोरम के वैरेंगते जिले में प्रवेश करने और कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने और भारतीय दंड संहिता के साथ मिजोरम रोकथाम और कोविड-19 अधिनियम 2020 की रोकथाम के तहत दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और दूसरे लोगों को एक अगस्त को थाने में पेश होने को कहा गया है।
वहीं असम की तरफ से अपने नागरिकों को पड़ोसी राज्य की यात्रा नहीं करने के लिए कहने पर मिजोरम ने फैसले की निंदा की है। असम के गृह सचिव एम एस मणिवन्नन की तरफ से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए असम के लोगों को सलाह दी जाती है कि वो मिजोरम की यात्रा न करें, क्योंकि ये स्वीकार नहीं किया जा सकता कि असम के लोगों को कोई भी खतरा हो। उधर मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने ट्वीट कर कहा कि सभी को सार्वजनिक सूचना। पूर्वोत्तर भारत हमेशा एक रहेगा। साथ ही कहा कि मैं अब भी केंद्र सरकार से असम-मिजोरम सीमा तनाव के सौहार्दपूर्ण समाधान की उम्मीद करता हूं।