उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर हिंसा में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का मोबाइल इस मामले में आरोपी प्रशांत नट के घर से बरामद होने का दावा किया गया था। इस मामले में सोमवार को एक नया मोड़ आया। प्रशांत नट की पत्नी ने आरोप लगाया कि इंस्पेक्टर का मोबाइलट पुलिस खुद अपने साथ लाई थी। उन्होंने उनके घर पर आकर दिखावटी तलाशी की और मोबाइल की बरामदगी दिखाई।
आरोपी प्रशांत नट को 27 दिसंबर 2018 को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था। स्याना इंस्पेक्टर राघवेंद्र कुमार मिश्रा ने रविवार को प्रशांत नट के घर पर तलाशी के दौरान 6 मोबाइल बरामद होने की बात कही थी। इसी में एक मोबाइल सुबोध कुमार सिंह का होने का दावा भी किया गया था। पुलिस ने दावा किया था कि प्रशांत नट के घर की तलाशी लेने के लिए उन्होंने कोर्ट से सर्च वॉरंट लिया था। उसके बाद आरोपी के घर की तलाशी ली थी।
इंस्पेक्टर का सीयूजी मोबाइल फोन नट के घर से बरामद हुआ: पुलिस
पुलिस अधिकारी अतुल कुमार श्रीवास्तव ने कहा था, ‘हमें सूचना मिली थी कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार का फोन प्रशांत नट के घर में हो सकता है और इसके लिए कोर्ट से हमने तलाशी वारंट लिया। तलाशी के दौरान इंस्पेक्टर का सीयूजी मोबाइल फोन नट के घर से बरामद हुआ। इसके अलावा कुछ और फोन भी मिले है। जिसे जांच के लिए फोरेंसिक प्रयोगशाला भेजा गया है’।
'इन्स्पेक्टर की पिस्टल छीनकर चलाई गोली'
पुलिस का कहना है कि चिंगरावठी पुलिस चौकी पर पथराव और आगजनी करने वाली भीड़ को इन्स्पेक्टर सुबोध ने समझा-बुझाकर शांत करा दिया था। आरोप है कि उसी वक्त प्रशांत नट आया और इन्स्पेक्टर से भिड़ने लगा। प्रशांत ने इन्स्पेक्टर सुबोध की पिस्टल से गोली चला दी, जिसमें उनकी मौत हो गई।
‘पुलिस खुद अपने साथ लाई थी इंस्पेक्टर सुबोध का मोबाइल’
पुलिस के इस तरह के बयान के बाद सोमवार को प्रशांत नट की पत्नी ने दावा किया है कि इंस्पेक्टर का मोबाइल पुलिस खुद अपने साथ लाई थी। उन्होंने उनके घर पर आकर दिखावटी तलाशी की और मोबाइल की बरामदगी दिखाई। उन्होंने आगे कहा कि 2 पुलिसकर्मी ने कमरे में दाखिल हुए और एक फोन निकालकर ड्रेसिंग टेबल पर रख दिया जब मैंने कहा कि यह फोन हमारा नहीं है तो उन्होंने चुप रहने को कहा।
3 दिसंबर को हुई थी हिंसा
बता दें कि स्याना के चिंगरावठी गांव में गोकशी को लेकर 3 दिसंबर 2018 को हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार और सुमित कुमार नाम के एक युवक की मौत हो गई थी। इस मामले में एसआई सुभाष चंद्र ने 27 लोगों को नामजद और 50-60 अज्ञात लोगों के खिलाफ स्याना कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वहीं हिंसा के 25 दिन बाद पुलिस ने इंस्पेक्टर के हत्यारे प्रशांत नट को सिकंदराबाद से गिरफ्तार कर लिया था।