दिल्ली की कैबिनेट ने डेल्ही इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल ट्रांजिट सिस्टम लिमिटेड (डिम्ट्स) से रूट रेसनलाइजेशन और लास्ट माइल कनेक्टिविटी के स्टडी संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसमें डीटीसी, क्लस्टर, आरटीवी, ग्रामीण सेवा, मेट्रो फीडर बस, चार्टर्ड बसों के सभी रूट्स के अलावा इलेक्ट्रिक रिक्शा के संचालन का एक खाका भी शामिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में बताया गया कि इस कदम से सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को मजबूत किया जा सकेगा और यात्रा संबंधी बढ़ती जरूरतों की पूर्ति में मदद मिलेगी। बसों, ग्रामीण सेवा और आरटीवी सेवाओं के ठीक से काम न करने की शिकायतों का समाधान करने में मदद मिलेगी। बसों की कम आवाजाही, कम इलाकों में पहुंच, भीड़भाड़ जैसी समस्याएं भी इससे सुलझ सकेंगी। परिवहन सेवाएं बेहतर होंगी और सहूलियत पर ध्यान दिया जाएगा।
स्टडी और तैयार डाटाबेस से नीति निर्माताओं को लोगों की जरूरतें समझने में मदद मिलेगी। साथ ही इससे नई योजनाओं की शुरुआत करने में सहायता मिलेगी। इससे शहर की परिवहन प्रणाली मजबूत हो सकेगी। स्टडी में डीटीसी, क्लस्टर, आरटीवी, ग्रामीण सेवा और डीएमआरसी फीडर बस सिस्टम, चार्टर्ड बसों के सभी रूट्स को शामिल किया जाएगा। साथ ही इलेक्ट्रिक रिक्शा के संचालन का एक खाका भी शामिल होगा। डिम्ट्स स्टैंडर्ड बस, ग्रामीण सेवा, आरटीवी जैसे माध्यमों की प्लानिंग के अलावा हर परिवार का ट्रैवल सर्वे भी करेगी। नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुड़गांव और बहादुरगढ़ से दिल्ली की आवाजाही को समझने के लिए भी वर्क प्लेस सर्वे किया जाएगा जिसे छह महीने के भीतर पूरा कर लिया जाएगा।