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कैबिनेट ने की अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहे अरुणाचल प्रदेश में आज राष्‍ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश कर दी है।
कैबिनेट ने की अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज सुबह कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की गई। इस राज्य में पिछले साल 16 दिसंबर को राजनीतिक संकट शुरू हो गया था जब कांग्रेस के 21 बागी विधायकों ने भाजपा के 11 सदस्यों और दो निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर अलग से विधानसभा का सत्र बुलाया और विधानसभा अध्यक्ष नबाम रेबिया पर महाभियोग चलाया। विधानसभा अध्यक्ष ने इस कदम को अवैध और असंवैधानिक बताया था।

कांग्रेसी मुख्यमंत्री नबाम तुकी के खिलाफ जाते हुए पार्टी के बागी 21 विधायकों ने भाजपा और निर्दलीय विधायकों की मदद से एक सामुदायिक केंद्र में सत्र आयोजित किया। इनमें 14 सदस्य वे भी थे जिन्हें एक दिन पहले ही अयोग्य करार दिया गया था। राज्य विधानसभा परिसर को स्थानीय प्रशासन द्वारा सील किए जाने के बाद इन सदस्यों ने सामुदायिक केंद्र में उपाध्यक्ष टी नोरबू थांगडोक की अध्यक्षता में विधानसभा का सत्र बुलाकर रेबिया पर महाभियोग चलाया था।

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री और सरकार के मंत्रियों समेत 60 सदस्यीय विधानसभा में 27 विधायकों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया था। एक दिन बाद विपक्षी भाजपा और बागी कांग्रेसी विधायकों ने एक स्थानीय होटल में मुख्यमंत्री नबाम तुकी के खिलाफ मतदान किया और कांग्रेस के एक असंतुष्ट विधायक को उनकी जगह चुनने का फैसला किया लेकिन गोहाटी उच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप करते हुए बागियों के सत्र में लिए गए फैसलों पर रोक लगा दी।

भाजपा विधायकों और निर्दलीय विधायकों द्वारा पारित अविश्वास प्रस्ताव को उपाध्यक्ष टी नोरबू थांगडोक ने स्वीकार कर लिया। वह भी कांग्रेस के बागी सदस्य हैं। बाद में 60 सदस्यीय सदन के कुल 33 सदस्यों ने एक और कांग्रेसी असंतुष्ट कलिखो पुल को राज्य का नया मुख्यमंत्री चुना। इनमें 20 असंतुष्ट कांग्रेसी विधायक शामिल हैं। मुख्यमंत्राी नबाम तुकी और उनके समर्थक 26 विधायकों ने इस कार्यवाही का बहिष्कार करते हुए इसे अवैध और असंवैधानिक बताया।

अदालत जाएगी कांग्रेस 

कांग्रेस नेता कपिल सिब्‍बल ने कहा कि अरूणाचल प्रदेश में राष्‍ट्रपति शासन लगाने की केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश को यदि राष्‍ट्रपति से मंजूरी मिल जाती है तो कांग्रेस इस सिफारिश को अदालत में चुनौती देगी। अरुणाचल प्रदेश में उत्‍पन्‍न राजनैतिक अ‍स्थिरता और विधानसभा का सत्र बुलाने की राज्यपाल की कार्रवाई से नाराज कांग्रेस ने शीतकालीन सत्र में दो दिन तक राज्यसभा में कामकाज बाधित किया था। 

गोहाटी उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति रिषीकेश राॅय ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया के लिए विधानसभा सत्र को समय से पहले 16 दिसंबर, 2015 को बुलानेे के राज्यपाल के फैसले को प्रथमदृष्टया संविधान के अनुच्छेद 174 और 175 का उल्लंघन बताया था। उच्चतम न्यायालय ने अरुणाचल प्रदेश के संकट पर कई याचिकाओं को एक संविधान पीठ को भेजा था।

 

 

 

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