सीबीआई ने सोमवार को कोलकाता में कई करोड़ के शारदा पोंजी घोटाला मामले में चित्रकार शिव प्रसन्ना से पूछताछ की। यह पूछताछ उस करोडों के घोटाले के संबंध में है, जिसमें हजारों निवेशकों को बेसहारा छोड़ दिया गया।
पीटीआई के मुताबिक, जांच एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि चित्रकार को, घोटाले में उसकी भूमिका के बारे में बताने के लिए अधिकारियों के सामने उपस्थित होने के लिए कहा गया था।
सीबीआई ने चित्रकार से 2014 में एक नॉन-ऑपरेशनल टीवी चैनल शारदा ग्रुप के प्रमुख सुदीप्त सेन को बेचने के लिए पूछताछ की थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी उससे टेलीविजन चैनल खरीदने के संबंध में अपने बैंक खाते के माध्यम से सारदा समूह के साथ कुछ खास वित्तीय लेनदेन पर पूछताछ की थी।
शारदा ने आरबीआई या सेबी के होनहारों की मंजूरी के बिना उनको अच्छा रिटर्न देने के वादे पर आम निवेशकों से पैसा इकट्ठा किया था लेकिन अंतिम चार्जशीट दाखिल होना बाकी था।
दरअसल, सीबीआई और ईडी दोनों एजेंसियां शारदा घोटाले की जांच कर रही हैं।
मीडिया में आए समाचार के मुताबिक, इससे पहले इसी महीने शारदा चिट फंड और रोज वैली मामलों के संबंध में सीबीआई की तरफ से तलब किए जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पार्थ चटर्जी और कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से कोलकाता में सीबीआई के कार्यालय में शुक्रवार यानी 16 अगस्तत को संबंधित मामलों के जांच अधिकारियों ने बात की थी।
टीएमसी के महासचिव और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी सहयोगी माने जाने वाले चटर्जी राज्य के शिक्षा मंत्री हैं और विधायी मामलों का कार्यभार भी उन्हीं के पास है। सूत्रों का कहना है कि टीएमसी राज्य सभा सांसद और पार्टी के प्रवक्ता डेरेक ओब्रायन से शारदा घोटाले की जांच के संबंध में नौ अगस्त को सीबीआई की पूछताछ के दौरान चटर्जी का नाम सामने आया था।
सूत्र ने बताया था कि हमें उनके नाम का पता पार्टी के समाचारपत्र, जागो बांगला की कथित फंडिंग के संबंध में पता चला। संयोग से चटर्जी इस समाचारपत्र के संपादक हैं और ओब्रायन इसके प्रकाशक हैं।