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एंबुलेंस घोटाले में सीबीआई छापा

राजस्थान में कथित एंबुलेंस घोटाले में शनिवार को कंपनी के निदेशकों के ठीकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की। इस मामले में दर्ज की गई प्राथमिकी में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट को भी नामजद किया गया है। इस मामले में आज शनिवार को सीबीआई ने पहली बड़ी छापेमारी की।
एंबुलेंस घोटाले में सीबीआई छापा

नयी दिल्ली। सीबीआई ने शनिवार को जिकित्जा हेल्थ केयर लिमिटेड के निदेशकों के आवासीय परिसरों पर छापेमारी की। राजस्थान की भाजपा सरकार की सिफारिश पर सीबीआई ने कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया था। सीबीआई ने आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (फर्जीवाड़ा), 468, 471 और 120-बी के तहत कुछ लोक सेवकों सहित मुंबई और जयपुर स्थित निजी कंपनियों के तत्कालीन निदेशकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किया था। यह मामला जानबूझकर तकनीकी विशिष्टताओं को जोड़ कंपनी के पक्ष में निविदा जारी करने में हुई कथित अनियमितता को लेकर दर्ज किया गया है। खबर है कि शनिवार को कंपनी के मौजूदा निदेशकों श्वेता मंगल, नरेश जैन और रवि कृष्ण के आवास पर छापेमारी की गई। सीबीआई का दावा है कि कथित अपराध की अवधि 2010 से 2013 के बीच है। राजस्थान सरकार की ओर से दर्ज प्राथमिकी में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कंपनी के कथित निदेशक और पूर्व केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट, पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र कार्तिक चिदंबरम, पूर्व केंद्रीय मंत्री वायलार रवि के पुत्र रवि कृष्ण, जिकित्जा हेल्थ केयर, इसकी निदेशक श्वेता मंगल, तत्कालीन स्वास्थ्य राज्य मंत्री दुरू मिर्जा और तत्कालीन एनआरएचएम निदेशक को नामजद किया गया था।

प्राथमिकी में नामजद लोगों ने सीबीआई की ओर से लगाए गए आरोपों को नकारते हुए कहा है कि इस मामले के जरिए सरकार राजनीतिक बदला ले रही है। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने मामले में अपनी संलिप्तता से इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने 2002 के अंत या 2003 की शुरूआत में ही कंपनी से इस्तीफा दे दिया था जब वह सांसद भी नहीं बने थे। मैंने य़े इस्तीफा उस वक्त दिया था जब कंपनी ने गैर-लाभकारी उपक्रम से लाभ कमाने वाली कंपनी बनने का फैसला किया। पायलट ने कहा कि वह सामाजिक उद्देश्यों की वजह से ही कंपनी से जुड़े थे। वहीं राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी मामले को राजनीति से प्रेरित करार दिया है।

उधर जयपुर में शनिवार को कांग्रेस नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने एम्बुलेंस सेवा 108 से जुड़े कथित घोटाले के मामले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट समेत अन्य लोगों के खिलाफ केन्द्रीय जांच ब्यूरो द्वारा जांच के निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि यह दुराग्रह का प्रतीक है तथा राज्य की मुख्यमंत्री के निरंकुश आचरण को दर्शाता है। सिंह ने कहा कि कांग्रेस के इन शीर्ष नेताओंं पर इस तरह की कार्रवाई मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व उनके सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह के ललित मोदी प्रकरण, हवेली खरीद फरोख्त प्रकरण, धौलपुर महल एवं कालीन तथा सरकारी सम्पत्तियों को हड़पने के मामलों पर से जनता का ध्यान हटाने का असफल प्रयास है। उन्होंने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके सांसद पुत्र पर लगे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है।

 

 

 

 

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