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जाट आरक्षण आंदोलन: हिंसा के लिए सीबीआई ने दर्ज किए तीन मामले

सीबीआई ने इस साल फरवरी में रोहतक में हुए जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा एवं आगजनी की घटनाओं की जांच के लिए आज तीन मामले दर्ज किए। इनमें हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का घर जलाए जाने की घटना से संबंधित मामला भी शामिल है।
जाट आरक्षण आंदोलन: हिंसा के लिए सीबीआई ने दर्ज किए तीन मामले

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्रवक्ता ने बताया कि जो मामले दर्ज किए गए हैं उनमें हमला, पुलिस संतरी के हथियारों को लूटना, परिजनों की हत्या का प्रयास तथा हरियाणा सरकार में वित्त मंत्री के आवास को जलाना शामिल है। एजेंसी ने जो मामला दर्ज किया है, उनमें 19 फरवरी को अभिमन्यु के आवास पर कथित रूप से आगजनी करने का मामला शामिल है जबकि एक अन्य मामला दंगाइयों द्वारा बीएसएफ और हरियाणा पुलिस की कंपनी पर हमला करने और उनके हथियार लूटने से संबंधित है। प्रवक्ता ने कहा कि सिपाही जब रोहतक में दिल्ली बाईपास पर कानून एवं व्यवस्था की ड्यूटी पर थे तो दंगाइयों ने उनकी हत्या का कथित प्रयास किया।

एजेंसी ने हरियाणा सरकार के अनुरोध तथा कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के आदेशों के आधार पर इन मामलों की जांच अपने हाथ में ली है। प्रवक्ता ने कहा, इन हिंसक हमलों में बड़ी संख्या में लोग कथित रूप से घायल हो गए और कई गंभीर रूप से घायल हो गए। ऐसे भी आरोप हैं कि करोड़ों रूपये की संपत्ति को फूंक दिया गया तथा पुलिस संतरियों के हथियारों को आंदोलनकर्ताओं ने लूट लिया। आंदोलनकारी हरियाणा में कुछ समुदायों के लिए आरक्षण की मांग कर रहे थे। इन मामलों को हरियाणा सरकार से सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया है। इस वर्ष फरवरी में जाटों को ओबीसी में आरक्षण देने की मांग को लेकर जो आंदोलन हुआ उसका सबसे अधिक प्रभाव रोहतक में हुआ। इस आंदोलन में 30 से अधिक लोगों की जान चली गई थी।

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