झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन केंद्रीय बजट को निराशाजनक बताया है। कहा है कि सिर्फ निजीकरण पर केंद्रित है। केंद्र सरकार देश की सारी संपत्ति बेचने पर तुली है। बैंक, बंदरगाह, एयरपोर्ट से लेकर रेलवे तक बिक रहा है। बीमार और बंद इकाइयों के लिए सरकार के पास कुछ नहीं है। यह आत्म बिक्री बजट है। रोजगार के अवसर बढ़ाने को लेकर सरकार के पास कुछ नहीं है। मरनेगा पर कुछ नहीं हे। गरीब और मध्यम परिवारों की क्रय शक्ति बढ़ाने को लेकर कोई योजना नहीं है। इसके उलट पेट्रोल और डीजन पर कृषि सेस लगाया जा रहा है। झारखण्ड को निराश करने वाला बजट है। यह उन्हीं राज्यों पर केंद्रित है जहां चुनाव होने वाले हैा।
कांग्रेस ने बजट को झूठ का पुलिंदा और किसानों को धोखा देने वाला बताया है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि आयकर दातओं को कोई राहत नहीं दी गई है। सर्विस सेक्टर को राहत नहीं दी गई है। मनरेगा में रोजगार का अवसर देने वाले मनरेगा के बारे में कुछ नहीं है।
इधर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने बजट ऐतिहासिक महत्व का बजट बताया है। कहा है कि कोरोना की विपरीत परिस्थितियों में जान और जहांन दोनों की चिंता यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे करिश्माई नेतृत्व से ही संभव है। बजट में भारत के समग्र विकास की सोच है। आत्म निर्भर भारत के पैकेज के साथ पूर्वोत्तर कॉरिडोर के माध्यम से झारखण्ड के विकास की असीम संभावनाएं इस बजट में है। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने इसे गांव, गरीब, किसान और मजदूर को समर्पित बजट करार दिया है।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    