दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कच्ची कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के लिए बड़ी घोषणा करते हुए उन्हें बहुप्रतीक्षित सौगात दी है। मुख्यमंत्री ने ऐलान किया है कि केंद्र सरकार ने अनधिकृत कॉलोनियों को अधिकृत करने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। यह दिल्लीवासियों के लिए किसी बड़े तोहफे से कम नहीं है।
'कच्ची'कालोनियों में रहने वाले लोगों को बधाई देता हूं
गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अब दिल्ली की कच्ची बस्तियां वैध हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली की कच्ची कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के लिए जल्द रजिस्ट्री खुल जाएगी, उनका मालिकाना हक का सपना पूरा होने वाला है। 2015 में हमने केंद्र को अनधिकृत कालोनियों के लिए एक प्रस्ताव भेजा था। मैं 'कच्ची' कालोनियों में रहने वाले लोगों को बधाई देना चाहता हूं क्योंकि केंद्र ने अपने घरों पर लोगों को मालिकाना हक देने के हमारे प्रस्ताव पर कल सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
6,000 करोड़ रुपये खर्च करेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र द्वारा पूछे गए कुछ सवाल हैं जिनका हम जल्द ही जवाब देंगे। मैंने अधिकारियों को ऐसे घरों की रजिस्ट्री खोलने का निर्देश दिया है। उन्होने कहा कि अनधिकृत कॉलोनियों में कोई विकास नहीं हुआ है। कोई सड़क, सीवर पाइपलाइन और ड्रेनेज सिस्टम नहीं था। लेकिन, दिल्ली सरकार उनके साथ खड़ी थी। हमने इन कॉलोनियों को विकसित करने के लिए 6,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। हम इस मद में काफी खर्च भी करे चुके हैं। यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि हमारी सरकार लोगों को मालिकाना हक प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध थी।
781 अनधिकृत कॉलोनियों में चल रहा है विकास कार्य
राष्ट्रीय राजधानी में 1700 से अधिक अनधिकृत कॉलोनियां हैं। पिछले महीने, केजरीवाल ने अधिकारियों को अगले पांच महीनों के भीतर शहर में कम से कम 781 अनधिकृत कॉलोनियों में विकास कार्यों को पूरा करने का निर्देश दिया था। उन्होंने अधिकारियों को विकास कार्यों की प्रगति पर एक साप्ताहिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया था और वे स्वयं इसकी निगरानी करेंगे। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा अनधिकृत कॉलोनियों के विकास के लिए बजट में 1,500 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया है।