दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नक्सलियों के सफाये के लिए चलाए गए ‘ऑपरेशन प्रहार’ में सेना के सात जवान घायल भी हो गए हैं। डीजी (नक्सल) डीएम. अवस्थी ने रायपुर में और आईजी विवेकानंद सिन्हा ने बस्तर में कार्रवाइयों की जानकारी दी। दोनों अधिकारियों के मुताबिक, मारे गए नक्सलियों में कई बड़े कमांडर भी शामिल हो सकते हैं। इस ऑपरेशन ने नक्सलियों को व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है। नक्सलियों का गढ़ माना जाने वाला दंतेवाड़ा में भी सुरक्षा बलों ने नक्सली कैंप का भंडाफोड़ किया है। पुलिस को इस कैंप से ग्रेनेड समेत अन्य कई हथियार भी बरामद हुए हैं।
आईजी विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ कि सुरक्षाबल तोंडामरका तक पहुंचने में कामयाब रहे। तोंडामरका को नक्सलियों की मांद माना जाता है, जहां आज तक सुरक्षाबल नहीं पहुंच पाए थे। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने ऑपरेशन की समाप्ति पर जवानों के शौर्य की जमकर तारीफ भी की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस पूरी रणनीति बनाकर ऑपरेशन चला रही है। इनकी सीधी लड़ाई नक्सलियों से है। पहली बार हमारे जवान इतने अंदर तक गए हैं। ये इलाका नक्सली लीडर हिड़मा का है। जवानों की शहादत पर उन्होंने कहा कि हमसे ज्यादा नुकसान उनका हुआ है। नक्सली नेता गणेश उइके बच निकला है।
बीजापुर और दंतेवाड़ा की ज्वाइंट फोर्स डोडी तुमनार जंगल में गणेश उइके को घेरने चार दिन से डेरा डाला था, लेकिन कैंप में पुलिस पहुंचने से पहले वह फरार हो गया। नक्सलियों का थिंक टैंक माना जाने वाला गणेश उइके ने एक बार फिर सेना को चकमा देकर भाग निकला। इससे पहले भी उसे बैलाडिला में घेरा गया था।
गौरतलब है कि रविवार को बीजापुर के तररेम में हुए दो आईईडी विस्फोट में जहां 3 जवान घायल हो गए तो वहीं एक जवान के पैर में गोली लगी, जिसको चौपर से रेस्क्यू किया गया। इसकी पुष्टि पुलिस अधीक्षक के.एल. ध्रुव ने की। उन्होंने यह भी बताया कि आईईडी विस्फोट कर भाग रहे एक नक्सली को कैसे जवानों ने मौके पर ही मार गिराया। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन को एसटीएफ, डीआरजी और सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन ने संयुक्त रूप से अंजाम दिया। इसे दो जगह बीजापुर और सुकमा जिले में एक साथ शुरू किया गया।