ससंद में चल रहे हंगामे को नियंत्रित करने और कांग्रेस के स्वर को नियंत्रित करने के मकसद से केंद्र सरकार ने कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कीर्ति चिदंबरम की फर्म पर छापा पड़वाया है। -ऐसा मानने वाले सिर्फ कांग्रेस के नेता ही नहीं है, बल्कि बल्कि बाकी विपक्षी दलों के नेता भी है। छापों के बाद दिल्ली के राजनीतिक हलकों में आज ये स्वर सुनाई दे रहे थे।
एक बड़ा सवाल यह भी उठ रहा था कि क्या कांग्रेसी सांसद शशि थरूर के बाद भाजपा के निशाने पर पी.चिदंबरम रहेंगे। चिदंबरम के बेटे की फर्म को लेकर चर्चा लंबे समय से चल रही थी, लेकिन किस समय उस पर नकेल कसी जाएगी, उस समय को लेकर अलग-अलग कयास लगाए जा रहे थे। उधर पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने आज सरकार के छापों के पीछे की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये छापे दुर्भावनापूर्ण हैं। अगर सरकार को उन पर हमला करना था, तो सीधे ही करना चाहिए था। गौरतलब है कि इंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट और आयकर विभाग ने कीर्ति चिदबंरम से जुड़ी फर्मों पर छापे डाले। इस पर पी. चिदंबरम ने बयान जारी करते हुए कहा, अगर सरकार को मुझ पर हमला करने की इच्छा थी, तो उसे सीधे करना चाहिए। सरकार को मेरे बेटे के दोस्तों को परेशान नहीं करना चाहिए, जो अपना बिजनेस कर रहे हैं और जिन्हें राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। मैं और मेरा परिवार सरकार द्वारा किए जा रहे दुर्भावनापूर्ण हमले को झेलने के लिए तैयार हैं। हम ये बात साफ कर चुके हैं कि जिन फर्मों पर हमला बोला गया है उनमें से किसी में भी हमारे परिवार की न कोई हिस्सेदारी हैं और न ही कोई आर्थिक हित जुड़े हुए हैं। ये कंपनियां पेशेवर ढंग से चलाई जा रही है और ये किसी भी सवालों के जवाब देने में सक्षम हैं। मैं अपने बेटे से उनका रिश्ता जोड़ने और इस आधार पर उन्हें परेशान करने की कोशिश की भर्तसना करता हूं।