Advertisement

लापरवाही: ऑक्सीजन की जगह दी बेहोशी की गैस, एक बच्चे की मौत, दूसरा गंभीर

मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवाईएच) में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है जिसमें एक बच्चे की मौत हो गई जबकि एक छोटा बच्चा जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है।
लापरवाही: ऑक्सीजन की जगह दी बेहोशी की गैस, एक बच्चे की मौत, दूसरा गंभीर

मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों की लापरवाही से ऑपरेशन के दौरान ऑक्सीजन की जगह नाइट्रस ऑक्साइड दिए जाने से एक पांच वर्षीय बच्चे की जान चली गई जबकि एक दुधमुंहा बच्चा अभी जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है। नाइट्रस ऑक्साइड एनेस्थेसिया के तौर पर बेहोशी के लिए उपयोग की जाती है। एमवाईएच के प्रभारी अधीक्षक डॉ. सुमित शुक्ला ने बताया कि अस्पताल में 27 मई को हर्निया की सर्जरी के दौरान 5 वर्षीय आयुष  की मौत हो गई। इसके बाद 28 मई को लिंग की विकृति के ऑपरेशन के दौरान एक साल के राजवीर  की तबीयत बुरी तरह बिगड़ गई। राजवीर फिलहाल गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। शुक्ला ने बताया कि दोनों मामलों के मद्देनजर जब एमवाईएच प्रशासन ने जांच की, तो पता चला कि ऑपरेशन थियेटर में जिस पाइप से ऑक्सीजन आनी चाहिए, उससे नाइट्रस ऑक्साइड की आपूर्ति की जा रही थी। इस ऑपरेशन थियेटर का 24 मई को ही लोकार्पण किया गया था।

 

शुक्ला ने बताया कि गैस की आपूर्ति में गड़बड़ी के खुलासे के बाद ऑपरेशन थियेटर को सील कर दिया गया है। इसके साथ ही, ऑपरेशन थियेटर में गैसों की आपूर्ति और इनके पाइप जोड़ने का काम करने वाली एक निजी कम्पनी के टेक्नीशियन राजेंद्र चौधरी के खिलाफ संयोगितागंज पुलिस थाने में भारतीय दंड विधान की धारा 304 ए (लापरवाही से जान लेना) के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इस बीच, गैर सरकारी संगठन स्वास्थ्य अधिकार मंच के कार्यकर्ता चिन्मय मिश्र ने कहा, एमवाईएच प्रशासन ने टेक्नीशियन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराके अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली, जबकि जानलेवा लापरवाही के इस मामले में अस्पताल के डॉक्टर और अन्य स्टाफ भी जिम्मेदार हैं। उन्होंने मांग की कि इस मामले में एमवाईएच के अधीक्षक को तत्काल निलंबित किया जाना चाहिए।

 

Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad