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मसीही समाज की मांग के बाद बीजेपी ने भरी हुंकार, बोली- सामने आ गया चर्च का छुपा हुआ एजेंडा

मसीही समाज ने क्रिसमस पर हेमंत सरकार से मंत्री की मांग कर दी तो भाजपा बिदक गई।। दरअसल क्रिसमस की बधाई,...
मसीही समाज की मांग के बाद बीजेपी ने भरी हुंकार, बोली- सामने आ गया चर्च का छुपा हुआ एजेंडा

मसीही समाज ने क्रिसमस पर हेमंत सरकार से मंत्री की मांग कर दी तो भाजपा बिदक गई।। दरअसल क्रिसमस की बधाई, तैयारी की जानकारी देने के क्रम में आर्च बिशप फेलिक्‍स टोप्‍पो ने मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन से ईसाई समाज का उनके कैबिनेट में प्रतिनिधित्‍व की मांग कर दी। तर्क भी दिया कि महागठबंधन में ईसाई समाज के एक दर्जन विधायक हैं और प्रदेश में आबादी कोई 25 लाख की है। बस भाजपा को यह पसंद नहीं आया। भाजपा ने इसे चर्च का गोपनीय एजेंडा करार दिया।

वैसे भी झारखंड में भाजपा और ईसाई मिशनरियों के बीच सांप-नेवले जैसा रिश्‍ता रहता है। भाजपा कभी धर्मांतरण को लेकर आक्रामक होती है तो कभी किसी दूसरे एजेंडे को लेकर। अभी पूरे प्रदेश में जनगणना के फार्म में अलग सरना धर्म कोड की मांग उठी।

अंतत:विधानसभा से सर्वसम्‍मत इसे पास भी किया। इसके बावजूद भाजपा और आरएसएस के सहयोगी संगठन इसे ईसाई मिशनरियों का एजेंडा बताते रहे। तर्क दिया जाता रहा कि हिंदुओं से वे दस-बारह करोड़ आदिवासियों को काटकर अलग करने की साजिश कर रहे हैं। सरना धर्म कोड के पक्ष में ईसाई‍ मिशनरियों के लोग भी मुख्‍यमंत्री से मिलकर ज्ञापन सौंपा था।

भाजपा की ताजा आपत्ति हेमंत सोरेन की कैबिनेट में ईसाई मंत्री को शामिल करने की आर्च बिशप की मांग को लेकर है। भाजपा प्रदेश प्रवक्‍ता प्रतुल शाहदेव कहते हैं कि क्रिसमस के पूर्व ईसाई विधायक को मंत्री बनाने की आर्च विशप की मांग पूरे तरीके से चर्च के छिपे हुए एजेंडे को जाहिर करती है। भाजपा प्रारंभ से कहती आई है कि चर्च के कुछ लोग राजनीतिक हस्‍तक्षेप करते हैं।

जबकि उनकी जिम्‍मेदारी संविधान के दायरे में रहकर सिर्फ अपने धर्म का प्रचार प्रसार करना और सेवा व सामाजिक काम करना है। शाहदेव ने कहा कि चुनाव के समय भी कुछ ईसाई धर्म गुरुओं ने रांची, खूंटी, गुमला लोहरदगा, सिमडेगा और लातेहार में राजनीतिक दलों के लिए फतवा जारी किया था। अब मंत्री की मांग ने चर्च के पूरे एजेंडे को खोलकर सामने ला दिया है।

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